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गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों का शोषण, खुलेआम मांगी जाती है रिश्वत

locationउन्नावPublished: May 21, 2018 09:59:21 am

जिला प्रबंधक ने कहा शिकायत आई है जांच कराई जाएगी…

Farmers facing problem in wheat purchasing center Unnao News

गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों का शोषण, गेहूं लेने के नाम पर मांगी जाती है रिश्वत

उन्नाव. एक तरफ मोदी और योगी किसानों की आय को दुगनी करने के लिए तमाम कवायत कर रहे हैं।वही विभागीय अधिकारी किसानों का दोहन करने का कोई भी मामला छोड़ने को तैयार नहीं है। गेहूं के समर्थन मूल्य में वृद्धि करके किसानों को सरकार लाभ पहुंचाना चाहती है। वहीं दूसरी तरफ गेहूं क्रय केंद्र में तैनात कर्मचारी किसानों से वसूली करने में मस्त हैं। जिला प्रशासन के भी तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन चेतावनी पर चेतावनी जारी कर रहा है। लेकिन गेहूं क्रय केंद्र के भ्रष्ट कर्मचारियों पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि भी किसानों के प्रति उदासीन

गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों का जमकर आर्थिक, शारीरिक व मानसिक शोषण बड़े पैमाने पर हो रहा है। बिचौलिए जमकर अपना खेल खेल रहे हैं। समाज सेवा का दंभ भरने वाले स्थानीय जनप्रतिनिधि किसानों की समस्याओं को से मुंह मोड़ हुए हैं। जिससे किसानों की समस्याओं का कोई पुरसाहाल सामने नहीं आ रहा है। क्रय केंद्रों के सचिव किसानों की फसल में आग लगाने की धमकी देता है। खून पसीना बहाकर किसी प्रकार फसल तैयार करने वाले किसानों के ऊपर सचिव की बातों का क्या असर पड़ता होगा। यह कोई किसान के दिल से पूछे। इस संबंध में जिला प्रबंधक पीसीएफ का कहना है कि शासन ने प्रति हेक्टेयर मानक निर्धारित किया है जिसके अनुसार क्रय केंद्रों पर गेहूं दिया जाता है सिकंदरपुर सरोसी विकासखंड के हाजीपुर अगेहरा क्रय केंद्र की शिकायत आई है। उसकी जांच कराई जाएगी।
सिकंदरपुर सरोसी विकासखंड के हाजीपुर अगेहरा गांव का मामला

मामला सिकंदरपुर सरोसी ब्लाक के हाजीपुर अगेहरा गांव का है। जिला सरकारी समित के सचिव राजेंद्र प्रसाद गर्ग की मनमानी से किसान परेशान है। सरकारी समिति में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जब किसान अपना गेहूं लेकर क्रय केंद्र पर जाता है तो सचिव किसी न किसी रूप में उन्हें परेशान करने लगता है। इस संबंध में रामदीन पत्नी देवकीनंदन निवासी फतेहपुर गंगा घाट ने बताया कि जब वह गेहूं लेकर क्रय केंद्र पर गई तो सचिव राजेंद्र प्रसाद ने उससे गेहूं साफ करने के लिए कहा। खड़ी दुपहरी में उन्होंने गेहूं को साफ किया छन्ना लगाया। इसके बाद भी तौला नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि सचिव ₹500 का मांग रहा था। देने से इंकार करने पर सचिव ने गेहूं तौलने से इंकार कर दिया। सचिव ने रामदीन से कहा अपना गेहूं ले जाओ। रामदीन के यह कहने पर कि वह गेहूं ले नहीं जाएगा। पर सचिव ने कहा कि वह गेहूं में आग लगा देगा। किसानों की फसल में आग लगाने की बात कहने वाले वाले गेहूं क्रय केंद्र के सचिव के खिलाफ किसानों में रोष व्याप्त है। बताया जाता है गेहूं क्रय केंद्र का सचिव खास लोगों का ही गेहूं लेते हैं।
शासन ने एक बीघा में 8 कुंटल गेहूं की पैदावार का किया निर्धारण

इस संबंध में बातचीत करने पर जिला प्रबंधक पीसीएफ रंजीत कुमार मौर्य ने बताया कि शिकायत मिली है। शिकायत की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों का खसरा खतौनी देखकर रजिस्ट्रेशन के साथ टोकन दिया जाता है। टोकन के साथ किसानों को संभावित तिथि भी दे दी जाती है। जिस दिन उन्हें अपनी फसल लेकर आना होता है। जिला प्रबंधक ने बताया कि रजिस्ट्रेशन में खसरा खतौनी की जांच होती है। जांच के हिसाब से गेहूं क्रय केंद्र का समाचार गेहूं की फसल ली जाती है।शासन ने एक मानक बनाया है कि एक बीघा में 8 कुंटल से ज्यादा गेहूं नहीं होगा। जिला कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया मानक एक हेक्टेयर में 31.91 कुंतल है। यदि मानक से ज्यादा कोई गेहूं लाता है तो उससे गेहूं नहीं लिया जाएगा और यह गेहूं उसे खुद ही वापस ले जाना।

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