उन्नाव

यूपीएसआईडीसी के खिलाफ किसानों का आंदोलन चरम पर

प्रशासन के साथ वार्ता के लिए बनाई गई 13 सदस्य टीम के बीच नहीं पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट, MD का किया जा रहा दसवां और तेरहवीं संस्कार.

उन्नावSep 20, 2017 / 04:16 pm

Abhishek Gupta

Unnao Kisan

उन्नाव. यूपीएसआईडीसी की भ्रष्ट कार्यप्रणाली से नाराज किसानों का आंदोलन दिन-प्रतिदिन भयंकर रूप लेता जा रहा है। ट्रांस गंगा सिटी के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के किसान अपनी बात शासन तक पहुंचाने के लिए किसान व ग्रामीण विभिन्न प्रकार के रूप अपना रहे हैं। पहले जिलाधिकारी का दसवां और तेरहवीं कर विरोध प्रदर्शन किया। वही आज यूपीएसआईडीसी के MD का दसवां और तेरहवीं का संस्कार किया जा रहा है। किसानों का आक्रोश प्रशासन के प्रति भी गहराता जा रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि विगत दिन उनके बीच आए नगर मजिस्ट्रेट ने कहा था कि 12 – 13 सदस्य टीम बनाकर प्रशासन से बातचीत की जा सकती है। जिसके लिए उन लोगों ने एक दिन का समय मांगा था।
उन्होंने अपनी टीम का गठन भी कर लिया। दूसरे दिन नगर मजिस्ट्रेट को मौके पर आना था। परंतु नगर मजिस्ट्रेट नहीं आए। उनके ना आने से ट्रांस गंगा सिटी के पीड़ित किसानों के प्रति प्रशासनिक उदासीनता सामने आती है। नगर मजिस्ट्रेट के ना आने ने आक्रोशित किसान नेताओं के लिए आग में घी डालने का काम किया। जिसका परिणाम आज सामने आ रहा है और यूपीएसआईडीसी के एमडी के खिलाफ विभिन्न क्रियाकलाप किए जा रहे हैं। जबकि किसानों का क्रमिक अनशन लगातार जारी है।
पूर्वनियोजित बैठक में नहीं पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट

 

किसान नेता हीरेंद्र निगम ने बताया कि विगत 18 सितंबर को नगर मजिस्ट्रेट ने किसानों से बातचीत की थी और कहा था कि 10 – 12 किसानों की एक टीम बना कर सूची हमें दे दें। जिससे शासन-प्रशासन से बात करने में आसानी रहेगी। नगर मजिस्ट्रेट की मांग पर सहमति जताते हुए किसान नेताओं ने 13 सदस्यों की टीम बनाई। जिसमें 6 नाम खोले गए थे, बाकी 7 नामों को गुप्त रखा गया था। किसान नेताओं का मानना था कि प्रशासन का यह कदम सकारात्मक है और प्रशासनिक स्तर पर बातचीत करने पर भी आसानी होगी। प्रशासन की मांग को देखते हुए किसान नेताओं ने आपस में बातचीत करके टीम का गठन किया। परंतु प्रशासनिक उदासीनता एक बार फिर सामने आई और पूर्वनियोजित कार्यक्रम के अनुसार नगर मेजिस्ट्रेट 19 सितंबर को किसान नेताओं के बीच नहीं पहुंचे। जिससे बनाई गई 13 सदस्य टीम की योजना धरी की धरी रह गई।
काफी देर तक किसानों ने सिटी मजिस्ट्रेट का इंतजार किया। जब कोई जवाब नहीं मिला, तो किसानों में निराशा छा गई और प्रशासन के प्रति नाराजगी और बढ़ गई। निराश और आक्रोशित किसानों ने जिला अधिकारी का दसवां व तेरही संस्कार करने के बाद यूपीएसआईडीसी के MD का दसवां और तेरहवीं संस्कार करने का निर्णय किया। किसान आंदोलन के संचालक हीरेंद्र निगम ने बताया कि प्रशासन की उदासीनता के कारण किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। इस मौके पर सुशील त्रिवेदी, सनोज यादव, पप्पू लोधी, किशोरी लोध, पृथ्वीपाल सहित हजारों की संख्या में किसान मौजूद थे।

Hindi News / Unnao / यूपीएसआईडीसी के खिलाफ किसानों का आंदोलन चरम पर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.