scriptपूर्व राज्यमंत्री पर लगाया गया जमीन कब्जा करने का आरोप | Former Minister of State charged with possession of land | Patrika News

पूर्व राज्यमंत्री पर लगाया गया जमीन कब्जा करने का आरोप

locationउन्नावPublished: Sep 19, 2018 05:32:20 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

बांगरमऊ मौका चौधरी परिवार की जमीनों का आजादी के बाद हुआ था बंटवारा, एक दूसरे को बता रहे हैं झूठा
 

एक दूसरे को बता रहे हैं झूठा

choudhery

उन्नाव. पूर्व मंत्री पर अपने राजनीतिक रसूख पुरवा दबंगई के दम पर जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया गया। इस संबंध में बुलाई गई प्रेस वार्ता में बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के चौधराना निवासी शैलेंद्र सिंह ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्य मंत्री द्वारा दिखाए जा रहे कागज आजादी के पहले के हैं। जबकि उनके पास जमीन के जो भी कागजात हैं वह सब चकबंदी के बाद के हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में रामलीला चौधरी आदिवासी देवेंद्र सिंह की भूमि पर होती है तथा भरत मिलाप बाजार नौनिहाल गंज में भुवनेश्वरी मंदिर प्रांगण में होती है। जहां पर पूर्व राज्य मंत्री और उनके भाइ भतीजों ने दुकान में बनवाकर किराया वसूल रहे हैं।
अशोक कुमार सिंह बेबी ने बुलाई थी प्रेस वार्ता

गौरतलब है कि गत सप्ताह पूर्व राज्य मंत्री अशोक कुमार सिंह बेबी ने प्रेस वार्ता बुलाकर रामलीला मैदान में अवैध तरीके से निर्माण कार्य बनाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद सक्रिय हुआ प्रशासन ने निर्माण का रुकवा दिया। लेकिन मामला अदालत में चलने के कारण प्रशासन को भी अपने पैर खींचने पड़े। वहीं दूसरी तरफ चौधरी शैलेंद्र सिंह ने अदालत से लिखित सवाल करते हुए निर्देश मागा कि विवादित भूमि में किसी प्रकार के निर्माण कार्य से पर रोक लगी है। जिस पर अदालत में कहा कि भूमि पर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाई गई है। उपरोक्त सारे कागज देखने के बाद जिला प्रशासन भी निर्माण कार्य रोकने से इंकार कर दिया।

सपा शासन के दौरान राज्य मंत्री बनाया गया था

इस संबंध में चौधरी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पूर्व राज्य मंत्री चौधरी अशोक कुमार सिंह बेबी ने कहा था कि विवादित भूमि रावण के नाम दर्ज है। जो की पूर्णता गलत है। उन्होंने इस जमीन के कागजात दिखाते हुए बताया कि 854 और 913 / 1 बांगरमऊ कस्बा संक्रमणीय भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। पूर्व राज्य मंत्री पर भ्रामक बयानी बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए शैलेंद्र सिंह ने कहा कि 1977 में चौधरी अशोक कुमार सिंह बेबी उनके भाइयों ने दीवानी वाद दायर किया था। जो कि लगातार पांच बार न्यायालय से निरस्त हो चुका है।

मुकदमा हारने के बाद भी जबरन करते हैं कार्यक्रम

लेकिन पूर्व राज्यमंत्री अपनी राजनीतिक रसूख के दम पर भूमि पर रावण और लंका दहन करवाते रहते हैं। चौधरी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमा निरस्त होने के बाद उन्होंने नगर पालिका परिषद से नक्शा पास करवाकर निर्माण कार्य शुरू कराया। इसके बाद भी पूर्व राज्यमंत्री अपनी दबंगई और राजनीतिक पहुंच से निर्माण को रुकवा दिया। जिसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी से की। जिलाधिकारी द्वारा जांच के बाद निर्माण कार्य कराने के लिए निर्देशित किया। इसके बावजूद पूर्व राज्यमंत्री अपनी राजनीतिक रसूख का लाभ उठाकर जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करना चाहते हैं।।उन्होंने जिला प्रशासन से न्याय की आस लगाई है।

ट्रेंडिंग वीडियो