उन्होंने कहा कि किसी महामारी के दौरान सेवारत किसी स्वास्थ्य देखभाल सेवा कर्मी के विरुद्ध किसी व्यक्ति द्वारा किए गए हिंसात्मक कार्य अथवा महामारी के दौरान किसी संपत्ति की किसी प्रकार की क्षति या नुकसान करने के कारण वह, भारत सरकार द्वारा जारी महामारी (संशोधन )अध्यादेश 2020 के अधीन दंडनीय होगा। किसी व्यक्ति द्वारा किसी सार्वजनिक स्थान पर अथवा घर से बाहर मौखावरड,मास्क, गमछा, रुमाल या दुपट्टा सकार्फ़ न पहनने पर पर या सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर उसे रु 500 जुर्माने से दंडित किया जाएगा। ऐसे व्यक्ति जो कोविड-19 से पीड़ित न हों द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन किए जाने पर उसे निम्नलिखित जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
1-प्रथम बार के लिए न्यूनतम जुर्माना रुपए 100जो ₹500 तक हो सकता है। द्वितीय बार के लिए जुर्माना ₹500 से जो ₹1000 तक हो सकता है। तृतीय बार के पश्चात प्रत्येक उल्लंघन या पुनरावृत्ति के लिए जुर्माना ₹1000 होगा।
इन समस्त मामलों में जुर्माना प्रशमित किए जाने की शक्ति संबंधित न्यायालय कार्यपालक मजिस्ट्रेट या ऐसे पुलिस अधिकारी, जो चालान करने वाले पुलिस अधिकारी की श्रेणी से ऊपर का हो। किंतु निरीक्षक की श्रेणी से नीचे का न हो में निहित होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त विनियमावली उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 चतुर्थ संशोधन विनियमावली 2020 का समस्त को करना होगा अनुपालन।