scriptउत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 में चतुर्थ संशोधन, किया गया दंडनीय अपराध | Fourth Amendment to Uttar Pradesh Pandemic Kovid-19 Regulations 2020 | Patrika News

उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 में चतुर्थ संशोधन, किया गया दंडनीय अपराध

locationउन्नावPublished: Jul 11, 2020 08:50:56 am

Submitted by:

Narendra Awasthi

– 700 से ज्यादा लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई, वसूला गया जुर्माना

उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली  2020 में चतुर्थ संशोधन, किया गया दंडनीय अपराध

Patrika

उन्नाव. जनपद में 746 लोगों के खिलाफ नए कानून के तहत कार्रवाई करते हुए ₹500 का जुर्माना लगाया गया। यह जानकारी जिला अधिकारी रवींद्र कुमार ने दी। उन्होंने काकी उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 चतुर्थ संशोधन विनियमावली के अंतर्गत उक्त कार्रवाई की गई है। जनपद वासियों से अपील की कि हो सकता पड़ने पर ही घर से निकलें और मास्क का प्रयोग करें लॉक डाउन का पूर्णता अनुपालन करें। गौरतलब है कि विगत शुक्रवार से 3 दिन का लॉक डाउन शुरू हुआ है। इस विनियमावली के उपबन्ध का उल्लंघन करते हुए यदि कोई व्यक्ति, संस्था, संगठन पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता 1860 (अधिनियम संख्या 45 सन1860 )की धारा 188 के अधीन दंडनीय कोई अपराध किया गया समझा जाएगा। सक्षम प्राधिकारी ऐसे किसी व्यक्ति, संस्था, संगठन को दंडित कर सकता है। यदि वह इस विनियमावली के उपबंध या इस विनियमावली के अधीन सरकार द्वारा जारी किन्हीं अन्य अग्रसर आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है।

दंडनीय अपराध घोषित

उन्होंने कहा कि किसी महामारी के दौरान सेवारत किसी स्वास्थ्य देखभाल सेवा कर्मी के विरुद्ध किसी व्यक्ति द्वारा किए गए हिंसात्मक कार्य अथवा महामारी के दौरान किसी संपत्ति की किसी प्रकार की क्षति या नुकसान करने के कारण वह, भारत सरकार द्वारा जारी महामारी (संशोधन )अध्यादेश 2020 के अधीन दंडनीय होगा। किसी व्यक्ति द्वारा किसी सार्वजनिक स्थान पर अथवा घर से बाहर मौखावरड,मास्क, गमछा, रुमाल या दुपट्टा सकार्फ़ न पहनने पर पर या सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर उसे रु 500 जुर्माने से दंडित किया जाएगा। ऐसे व्यक्ति जो कोविड-19 से पीड़ित न हों द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन किए जाने पर उसे निम्नलिखित जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

1-प्रथम बार के लिए न्यूनतम जुर्माना रुपए 100जो ₹500 तक हो सकता है। द्वितीय बार के लिए जुर्माना ₹500 से जो ₹1000 तक हो सकता है। तृतीय बार के पश्चात प्रत्येक उल्लंघन या पुनरावृत्ति के लिए जुर्माना ₹1000 होगा।

चतुर्थ संशोधन की शर्तें

इन समस्त मामलों में जुर्माना प्रशमित किए जाने की शक्ति संबंधित न्यायालय कार्यपालक मजिस्ट्रेट या ऐसे पुलिस अधिकारी, जो चालान करने वाले पुलिस अधिकारी की श्रेणी से ऊपर का हो। किंतु निरीक्षक की श्रेणी से नीचे का न हो में निहित होगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त विनियमावली उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 चतुर्थ संशोधन विनियमावली 2020 का समस्त को करना होगा अनुपालन।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो