वैसे अकेले इसी गांव में शौचालय का इस्तेमाल कुछ इस अंदाज में हो रहा है, ऐसा भी नहीं है। कई गांवों में ग्रामीण द्वारा शौचालय का इस्तेमाल भूसा रखने के लिए किया जा रहा है। जबकि कई ग्रामीण अपनी जरूरत के हिसाब से कर रहे है। इसके इतर प्रशासन जिले की 1044 ग्राम पंचायतों में से 77 को ओडीएफ होने का दावा कर रहा है।
बांगरमऊ तहसील के ग्राम हैबतपुर में कुल 200 परिवार रहते हैं । इनमें 175 परिवारों के लिए शौचालय बनाए जा चुके हैं। ब्लाक स्तरीय अधिकारियों का दावा है कि आधे से ज्यादा परिवार खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। गांव में अन्य लाभार्थियों की तरह ही देशराज के घर के बाहर भी शौचालाय बनाया गया है। परिवार में आठ सदस्य हैं लेकिन परिवार शौचालय का इस्तेमाल नहीं करता। देशराज ने शौचालय में परचून की दुकान खोल रखी है। हालांकि देशराज का कहना है कि जबतक शौचालय की रंगाई-पुताई पूरी नहीं हो जाती तभी तक दुकान का सामान रखे है। उधर शौचालय में खुली दुकान चर्चा का विषय बनी है। ग्राम प्रधान विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि गांव में शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। साथ ही लोगों को खुले में शौच न जाने को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है। डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि स्वच्छता के लिए पूरे जिले में अभियान चलाया जा रहा है और लोग स्वच्छता को लेकर जागरूक भी हो रहे हैं।