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कोविड-19 कोरोना वायरस का संक्रमण होम क्वॉरेंटाइन किए गये श्रमिकों की लापरवाही से गांव की स्थिति गंभीर

locationउन्नावPublished: May 29, 2020 04:31:46 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

– बैंकों में लाइन लगा रहे हैं तो घर में खाना खा रहे हैं
– जिम्मेदार एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी डाल रहे

कोविड-19 कोरोना वायरस का संक्रमण होम क्वॉरेंटाइन किए गये श्रमिकों की लापरवाही से गांव की स्थिति गंभीर

कोविड-19 कोरोना वायरस का संक्रमण होम क्वॉरेंटाइन किए गये श्रमिकों की लापरवाही से गांव की स्थिति गंभीर

उन्नाव. प्रवासी श्रमिकों का गांव में खुला विचरण कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। जिम्मेदार सरकारी कर्मचारी व अन्य अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डाल रहे हैं। जिससे कोरोना संक्रमण की संख्या में वृद्धि की संभावनाएं प्रबल है। सरकार द्वारा प्रवासियों को बाहर से लाकर उनकी थर्मल स्कैनिंग के रूप में एकमात्र जांच पड़ताल कर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। जिससे शहर व ग्रामीण वासी सुरक्षित व स्वस्थ रहें। परंतु गांव में ऐसा नहीं हो रहा है। होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोग गांव में खुलेआम घूम रहे हैं। यही नहीं बैंक में लाइन लगकर पैसा भी निकाल रहे हैं। मजबूरी में उन्हें घर भी जाना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान की तरफ से खाने पीने की व्यवस्था नहीं की गई है।

 

सरोसी विकासखंड के गांव का मामला

ऐसा ही मामला शंकरपुर तथा गंगौली गांव में देखने को मिल रहा है। गंगौली गांव में लगभग 10 से ज्यादा प्रवासी श्रमिक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि जगह से आए थे। जिनकी थर्मल स्कैनिंग जांच के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया था। 18 मई को पंजाब के जालंधर से आए अंबुज को प्राथमिक विद्यालय में क्वॉरेंटाइन किया गया था। गांव के बाहर बने प्राथमिक विद्यालय में रखा गया है। इस संबंध में बातचीत करने पर अंबुज ने बताया कि उसके पास खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं है। प्रधान खाना पानी तो दूर देखने तक नहीं आया कि वह किस स्थिति में है। तमाम सुमित क्वॉरेंटाइन में व्याप्त अव्यवस्थाओं के बीच गांव में अपने परिवार के बीच पहुंच गए। लेकिन वह चाहे जितनी भी तकलीफ हो 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन की शर्त को पूरा करके ही अपने गांव और परिवार के बीच जाएंगे। उन्हें राशन का एक दाना भी प्रशासन की तरफ से नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से सख्त आदेश है कि स्कूलों मे क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्ति को भोजन और पानी की व्यवस्था प्रशासन द्वारा तथा गांव में प्रधानों के द्वारा किया जाएगा। गंगोली गांव में प्रधान द्वारा की जा रही है।

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