सरोसी विकासखंड के गांव का मामला
ऐसा ही मामला शंकरपुर तथा गंगौली गांव में देखने को मिल रहा है। गंगौली गांव में लगभग 10 से ज्यादा प्रवासी श्रमिक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि जगह से आए थे। जिनकी थर्मल स्कैनिंग जांच के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया था। 18 मई को पंजाब के जालंधर से आए अंबुज को प्राथमिक विद्यालय में क्वॉरेंटाइन किया गया था। गांव के बाहर बने प्राथमिक विद्यालय में रखा गया है। इस संबंध में बातचीत करने पर अंबुज ने बताया कि उसके पास खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं है। प्रधान खाना पानी तो दूर देखने तक नहीं आया कि वह किस स्थिति में है। तमाम सुमित क्वॉरेंटाइन में व्याप्त अव्यवस्थाओं के बीच गांव में अपने परिवार के बीच पहुंच गए। लेकिन वह चाहे जितनी भी तकलीफ हो 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन की शर्त को पूरा करके ही अपने गांव और परिवार के बीच जाएंगे। उन्हें राशन का एक दाना भी प्रशासन की तरफ से नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से सख्त आदेश है कि स्कूलों मे क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्ति को भोजन और पानी की व्यवस्था प्रशासन द्वारा तथा गांव में प्रधानों के द्वारा किया जाएगा। गंगोली गांव में प्रधान द्वारा की जा रही है।