scriptमुझे तो मां गंगा ने बुलाया है: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज | I have called mother Ganga: Swami Avimukteshwaranand Maharaj | Patrika News

मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज

locationउन्नावPublished: Sep 07, 2017 10:55:07 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

मुझे किसी ने भेजा नहीं है। ना मैं खुद आया हूं। मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है। गंगा को कोई और नहीं मिला था, तुम्हारे लिए व्याकुल थी।

Swami Avimukteshwaranand Maharaj

Swami Avimukteshwaranand Maharaj

उन्नाव. मुझे किसी ने भेजा नहीं है। ना मैं खुद आया हूं। मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है। गंगा को कोई और नहीं मिला था, तुम्हारे लिए व्याकुल थी। मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है। कितना सुंदर डायलॉग बोला कि गंगा वाले भी उनकी बातों पर आ गए और समझा अब तो नया भगीरथ आ गया है। नए भगीरथ ने गंगा पर कई बांध बना दिए। जिनका हम लोग विरोध कर रहे थे, जिससे गंगा नदी में अविरलता पर रुकावट आ गई। उमा भारती को गंगा नदी का मंत्री बना दिया और वह कहती रही कि बांध बनाना बंद करो, लेकिन माना नहीं गया। अब तो इस स्थिति यह है कि उन्हें भी निकालकर बाहर कर दिया गया।
स्थानीय निराला परीक्षा गृह में सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उक्त विचार स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने व्यक्त किए। इस मौके पर उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि की गंगा में बनने वाला बांध भ्रष्टाचार के द्वारा कमाई का प्रमुख जरिया बन गया है। जिसकी वजह से पूंजीपतियों के माध्यम से खूब कमाई की जा रही है। इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षकों से उन्होंने कहा कि आप गंगा के लिए समर्पित अनु टंडन को हरा कर ठीक नहीं किया। गंगा के कार्य को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। चर्चा तो खूब हुई पर नाला का गंगा नदी में गिरना बंद नहीं हुआ।
ढिंढोरा पीटने से कोई धार्मिक प्रवृति नहीं बन सकता

इस मौके पर उन्होंने एक रुपए में खुदा के दर्शन कराने की भी चर्चा की। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि एक रुपए में खुदा के दर्शन करने के लिए सब लोग लाइन में लग गए और अंदर घुसकर जब खुदा का दर्शन करने का समय आया तो वहां पर आयोजकों ने एक खुदा हुआ गड्डा दिखा दि।या और पूछा कि खुदा है कि नहीं खुदा है। अब गड्ढे खोदे को कैसे नहीं मानेंगे खुदा है। इसके आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि आयोजकों ने दर्शकों से कहा कि बाहर जाकर इस विषय में कोई कुछ ना बताना वरना तुम्हें लोग ***** कहेंगे। इस प्रकार खुदा देखने के नाम पर लोग एक एक रुपए में लाइन लगकर खुदा गड्ढा देखने लगे। इसी किस्से को लेकर उन्होंने नरेंद्र मोदी के द्वारा आम लोगों को ***** बनाए जाने से जोड़ा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की लड़ाई दुर्गुणों से होनी चाहिए ढिंढोरा पीटने से कोई धार्मिक प्रवृति का नहीं बन सकता है।
शिक्षक होना गर्व की बात: राज बहादुर सिंह चंदेल

 कार्यक्रम को शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक होना बड़े गर्व की बात है। जो आने वाली पीढ़ी को संस्कारित बनाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक आज समाज की आवश्यकता है। अपनी पांचवीं जीत पर उन्होंने कहा कि कानपुर जैसे महानगर वाली सीट से उन्नाव जैसे छोटे शहर से आकर विजय हासिल करना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि कभी अपने आप को रिटायर्ड नहीं मानना चाहिए और ना ही अंतरात्मा में इस तरह की बात आनी चाहिए।
समाज धर्म के नाम पर व्यापार करने वालों से रहे सावधान: महंत राजेंद्र प्रसाद

कार्यक्रम को बाबा विश्वनाथ मंदिर के महंत राजेंद्र प्रसाद तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा कि धर्म कभी लड़ाने का काम नहीं करता है। जो लड़ाने का काम करें वह अधर्म है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में धर्म दो भाग में बटा है। एक भाग में धर्माधिकारी तो दूसरी तरफ धर्म के नाम पर व्यापार करने वाले लोग शामिल हैं। धर्म के नाम पर व्यापार करने वाले धर्म को आजीविका का साधन बना चुके हैं। जो धनोपार्जन करके राजनीति को विकृत करने के साथ समाज को भी विकृत कर रहे हैं। जबकि धर्माधिकारी धर्म की लड़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बाबा राम रहीम का नाम लिए बिना कहा कि कुछ दिन पहले जो कुछ भी सामने आया है। वह समाज को सचेत करने के लिए पर्याप्त है। इस प्रकार के विकृत लोगों को समाज से बहिष्कार कर देना चाहिए। जो समाज को बेचने का कार्य कर रहे हैं। इसे ललितेश पति त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद अन्नू टंडन के साथ निर्मल गंगा के लिए काफी संघर्ष किया है। जिसमें अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। बनारस से पधारे ब्रह्मचारी ने कहा कि लखनऊ यानी लक्ष्मण पूरी व कानपुर यानी कर्णपुर के बीच बसे उन्नाव के लोगों को गौरवान्वित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजा कर्ण का चरित्र किसी से छुपा नहीं है। कार्यक्रम के अंत में पूर्व सांसद अन्नू टंडन की तरफ से सैकड़ों की संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षकों को शाल ओड़ा कर सम्मानित किया गया। जिसमें सभी विकासखंड के शिक्षक शामिल थे ।
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