विवादित स्थल को कर दिया था सील 03 जून, 2016 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राकेश श्रीवास्तव ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था कि ‘जनवरी, 2011 के बाद सार्वजनिक मार्गों पर बने सभी धार्मिक ढांचों को हटाया जाएगा और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट की ओर से दो महीने के भीतर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी। हाईकोर्ट के निर्देश पर 11 मार्च को यूपी सरकार ने आदेश जारी कर सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को धार्मिक स्थलों के नाम पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश दिए। 15 मार्च को रामसनेहीघाट के तहसीलदार दया शंकर त्रिपाठी ने जॉइंट मैजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल के निर्देश पर नोटिस जारी कर विवादित स्थल में रह रहे जिम्मेदार लोगों से जवाब मांगा। 16 मार्च को पुलिस ने यहां आकर रह रहे लोगों से उनकी आईडी मांगी। इसका जवाब न दे पाने पर अगले दिन सभी लोग फरार हो गए। जॉइंट मैजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल ने इसकी जानकारी मिलने पर उन लोगों को ढूंढने और मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इसके साथ ही विवादित स्थल को सील कर दिया।
कौन हैं दिव्यांशु पटेल दिव्यांशु पटेल मूल रूप से बलरामपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता डॉ. एपी वर्मा एमएलके महाविद्यालय के संस्कृत विभाग में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर कार्यरत हैं। दिव्यांशु पटेल ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बलरामपुर माडर्न इण्टर कालेज से प्राप्त की है। दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएड किया है और जेएनयू से परास्नातक शिक्षा प्राप्त की है।