इसके पूर्व भी कर चुकी हैं अनशन
मामला बीघापुर तहसील का है। समाज सेविका पूर्व प्रधान मुन्नीदेवी ने बैनर के साथ तहसील परिसर में धरना शुरु किया। इस मौके पर मुन्नी देवी ने बताया कि दबंगों द्वारा ग्राम समाज की जमीन, तालाबों पर अवैध कब्जा कर लिया गया। कई बार जानकारी देने के बाद भी माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से वह क्रमिक अनशन पर बैठी थीं। परंतु शासन और प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके बाद उन्होंने आमरण अनशन का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकारी भूमि से अवैध कब्जा नहीं हटाया जाता है, तब तक वह लगातार अनशन करते रहेंगे। चाहे उनकी जान ही क्यों न चली जाए। गौरतलब है कि मुन्नी देवी विगत 10 वर्षों से ग्राम समाज की जमीन और तालाब पर कब्जा करने वालों के खिलाफ लगातार संघर्ष व अनशन करती चली आ रही हैं। लेकिन नतीजा शून्य होने के कारण उन्होंने आमरण अनशन करने का निश्चय लिया।
उप जिलाधिकारी ने कहा- हो रही है कार्रवाई उपजिलाधिकारी बीघापुर ने बताया कि मुन्नी देवी PWD और सरकारी जमीनों पर कब्जे को हटाने को लेकर अनशन पर बैठी हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय में मुन्नी देवी को बातचीत करने के लिए बुलाया गया था, परंतु वह नहीं आईं। उन्होंने कहा कि पाटन गांव में 45 से 50 तालाब हैं। जहां पर गांव वालों ने थोड़ा-थोड़ा अतिक्रमण कर लिया हैं। सभी को चिन्हित कर लिया गया है। लगभग 70-80 लोग हैं। जिन्होंने अतिक्रमण किया है। इनके खिलाफ तहसीलदार की कोर्ट में
खली का मुकदमा चल रहा है। इसके अलावा 115-डी के अंतर्गत जुर्माना होता है जिसकी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीच-बीच में अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाया जाता है। परंतु कुछ पक्के मकान बन गए हैं। जिनको
खली करने के लिए एक कानूनी प्रक्रिया होती है। जिसमें दोनों पक्षों को सुना जाता है। उसके बाद निर्णय लिया जाता है।