किसान की गिरफ्तारी पर होगा जेल भरो आन्दोलन विगत कई माह से चल रहा किसानों का आन्दोलन ने आगामी दो अक्टूबर को उस समय नया मोड़ ले लिया। जब आक्रोशित किसानों ने यूपीएसआईडीसी द्वारा अधिगृहित की गयी जमीन पर टै्रक्टर चलाकर अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया। इस दौरान गुलाबी गैंग की कई महिला सहयोगी के साथ काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। पूर्वनियोजित कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने ट्रैक्टर से हल चलाकर जमीन को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया। इस दौरान मौके पर लगभग दस थानों की फोर्स के साथ एसडीएम सदर व अन्य अधिकारी मौजूद थे, परंतु किसानों के द्वारा हल चलाने की कार्यवाही को मूक दर्शक की भांति देखते रहे। ग्रामीणों का कहना है कि यह सब प्रशासन की प्लानिंग में था कि ग्रामीणों को जमीन पर हल चलाकर कब्जा लेने का कार्य शांति पूर्वक करने दिया जाये। उसके बाद यूपीएसआईडीसी द्वारा तहरीर लेकर नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा दिया जाये। जो एक कानूनी प्रक्रिया के तहत पूरी की गयी। यपीएसआईडीसी के अधिशाषी अधिकारी बीडी यादव की तहरीर पर गंगाघाट थाना पुलिस ने एक दर्जन को नामजद करते हुये चार सैकड़ा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजकृत किया है। नामजद लोगों में बीएन पाल, संपत पाल, हीरेन्द्र निगम, सनोज यादव, उमेश मिट्टू लाल, किशोरी लाल, महेश्वरी देवी, गुड्डी देवी, दिलीप निगम, राम किशोर, सरस्वती शामिल है।
किसान नेता हीरेन्द्र निगम ने कहा इस सम्बंध में हीरेन्द्र निगम ने बताया कि उनलोगों पर दर्ज मुकदमा बिल्कुल गलत है। इस सम्बंध में उन लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया था। उन्होने कहा कि उनके दो फसली जमीन को सजीशन बंजर बताया गया। लखनऊ मंडल कमीश्नर ने 2008 में सारे आवंटन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था। उनके द्वारा दिये गये आदेश को दाब दिया गया। जिसमें उन्होने िंकसानों की जमीन किसानों के नाम तत्काल करने का आदेश दिया था। किसान नेता ने कहा कि यदि किसान अपनी बात करते है, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। प्रशासन की दमन कारी नीति को देखते हुये अब उनका धरना अनिश्चितकालीन चलेगा। जिस दिन भी एक किसान की गिरफ्तारी हुयी उस दिन पूरे प्रदेश में जेल भरो आन्दोलन चलाया जायेगा।