5 हजार जनसंख्या वाला गांव जमुका जिलाधिकारी अपने गांव का जो परिदृश्य लोगों के सामने रखा उसके विषय पर पूछने पर बिछिया विकासखंड कि ग्राम प्रधान मंजू लता ने कहा कि वह भी अपने गांव के विषय में कुछ ऐसा ही सोचती हैं। मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर स्थिति जमुका गांव उन्नाव पड़री मार्ग पर स्थित है। 5000 जनसंख्या वाले इस गांव में ओडीएफ घोषित करने के लिए 272 शौचालय दिए गए हैं। यदि इनका काम पूरा हो गया तो जमुका गांव ओडीएफ घोषित कर दिया जाएगा। ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त गांव। जो देश और प्रदेश की सरकारों का सपना है। अपने गांव के विषय में जानकारी देते हुए मंजू लता ने बताया कि लोन नदी के किनारे स्थित होने के कारण उनके गांव का पानी फ्लोराइड युक्त है। उनका सपना है कि ग्रामीणों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए गांव में एक टंकी बना दी जाए। जिससे ग्रामीणों को स्वच्छ पानी उपलब्ध हो सके। मंजूलता ने बताया उनके गांव में 110 हैंडपंप के माध्यम से पेयजल ग्रामीणों को उपलब्ध होता है। कुए के विषय में उन्होंने बताया कि जमका के अंदर स्थित सभी कुवें निष्प्रयोज्य हो चुके हैं। सूख चुके हैं। पेयजल का एक मात्र साधन हैंड पंप है।
उन्नाव पड़री रोड पर स्थित है जमुका पांच मजरों वाली ग्राम पंचायत में सड़क के किनारे ही बड़ी बाजार हफ्ते में 3 दिन लगती है। मंगलवार, बृहस्पतिवार, रविवार को लगने वाली बाजार में आसपास के लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करने पड़ते हैं। सोलर लाइट से आच्छादित जमुका की बाजार किसी पहचान की मोहताज नहीं है। जमुका में मानदाता खेड़ा, टीका खेड़ा, संदी खेड़ा, तिंगा खेड़ा, गोकुल खेड़ा मजरा लगते हैं। गांव से निकलने वाले मुख्य मार्ग पर पक्की दुकानें स्थापित है। जहां इलेक्ट्रॉनिक की दुकान के साथ गारमेंट मिठाई आदि की दुकानें भी स्थापित है। मंजूलता की एक और मांग है कि उनके गांव में कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। किसी छोटी मोटी बीमारी होने पर उन्हें या तो जिला मुख्यालय भागना पड़ता है या फिर पड़री, अचलगंज या बिछिया का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। इनकी सबकी दूरी लगभग 10 किलोमीटर है। ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की मांग मंजूलता की है। मुख्य विकास अधिकारी के संबोधन पर उन्होंने कहा कि विज्ञान क्लब गांव की तरक्की में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।