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पता नहीं कब ट्रैक से उतर जाए ट्रेन का डिब्बा, शताब्दी-राजधानी भी हो सकती है हादसे का शिकार, हैरान करने वाली खबर

locationउन्नावPublished: Sep 03, 2018 11:59:55 am

Submitted by:

Narendra Awasthi

दूर दृष्टि, पक्का इरादा, अनुशासन के स्लोगन से दूर हुआ रेल मंत्रालय, लापरवाही भ्रष्टाचार चरम पर, रेल यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं भ्रष्ट, लापरवाह अधिकारी व कर्मचारी

रेल मंत्रालय

पता नहीं कब ट्रैक से उतर जाए ट्रेन का डिब्बा, शताब्दी-राजधानी भी हो सकती है हादसे का शिकार, हैरान करने वाली खबर

उन्नाव. केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय कि अदूरदर्शिता के कारण रेल में यात्रा करना सुरक्षित नहीं रह गया है। चार अंगुल की पटरी पर सौ किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ती शताब्दी, राजधानी व मेल ट्रेन यात्रियों के जान को जोखिम में डाल रहे हैं। पता नहीं किस डिब्बे का पहिया टूटी पटरी से छिटककर गाड़ी डी रेल हो जाए। लखनऊ कानपुर के बीच का रेल यातायात कुछ इसी प्रकार का हो चुका है। जहां पर आए दिन रेल पटरी टूटने की घटना सामने आ रही है। इसके पूर्व मालगाड़ी के डी रेल होने की घटना सामने आ चुकी है। जिससे कानपुर लखनऊ रेल यातायात कई दिनों तक अवरोध रहा। इसी क्रम में मुंबई से लखनऊ आ रही सुपर फास्ट ट्रेन उन्नाव जंक्शन के तीन नंबर प्लेटफार्म पर डी रेल हो गई थी। लेकिन गाड़ी की स्पीड कम होने के कारण जान माल का नुकसान नहीं हुआ। सुपरफास्ट के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसके अतिरिक्त लखनऊ कानपुर रेल मार्ग पर पटरी चिटकने की घटना की खबर आम हो चुकी है। रेलवे विभाग के स्थानीय अधिकारी इस विषय में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। उनका कहना है इस विषय में लखनऊ स्थित अधिकारी ही बात करेंगे।
शताब्दी जैसी हाई स्पीड ट्रेन गुजरती है खस्ताहाल पटरियों पर से

गौरतलब है लखनऊ कानपुर दिल्ली के बीच शताब्दी हाई स्पीड वाली ट्रेन संचालित है। इसके अतिरिक्त नीलांचल सुपरफास्ट जैसी ट्रेनें भी लखनऊ कानपुर दिल्ली के बीच दौड़ रही है। परंतु स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही की पराकाष्ठा है कि आए दिन रेलवे पटरी टूटने की घटना सामने आ रही है।मगरवारा रेलवे स्टेशन के पास विगत दो हफ्ते में दूसरी बार रेल पटरी टूटने की घटना सामने आई है। इससे पहले कि कोई बड़ा हादसा होता गाड़ियों को काशन देकर गुजारा जा रहा है।
सुपरफास्ट गाड़ियों को कई बार डि रेल करने का किया गया प्रयास

इसके पूर्व उन्नाव – मगरवारा – गंगा घाट कानपुर पुल बाया किनारा छमक नाली के पास बिना नंबर की मोटरसाइकिल रखकर गाड़ी को डि रेल करने की योजना पर उस समय पानी फिर गया था जब पुष्पक एक्सप्रेस के चालक की सतर्कता ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोक दिया था। लेकिन इंजन ने मोटरसाइकिल के परखच्चे उड़ा दिए थे। अराजकता तत्वों द्वारा की जा रही उपरोक्त घटना का भी खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है। इसके पूर्व गंगा घाट के पास ही पटरी पर रेल पटरी रखकर गाड़ी को डि रेल करने का प्रयास किया जा चुका है। अराजक तत्वों को इसमें सफलता नहीं मिली। लेकिन घटना के बाद यात्रियों के रोंगटे खड़े हो गए थे। इसकी भी जांच फाइलों में दफन है। ऐसे में कहा जा सकता है कि रेलवे अपना स्वयं का स्लोगन दूर दृष्टि, पक्का इरादा, अनुशासन को भूल चुका है।
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