मुख्यमंत्री तक लगाई फरियाद सोलर लाइट से लेकर श्रमिकों को मिलने वाला मेहनताना भी अधिकारियों की जेब में चला गया है। इस संबंध में पीड़ितों जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी फरियाद लगा चुके हैं। परंतु कोई भी उनकी सुनने वाला नहीं है। पीड़ित आज भी मजदूरी के रुपए के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। इस संबंध में बातचीत करते हुए श्रमिकों ने बताया कि ना तो उनके पास जमीन थी ना सर पर छत थी। जिसके कारण वह लोग लोहिया आवास कि पात्रता में आए और उन्हें आवास मुहैया कराया गया। परंतु विकासखंड कार्यालय में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों ने उनके साथ न्याय नहीं किया और मजदूरी का पैसा अपनी जेब में रख लिया है। खंड विकास अधिकारी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायतकर्ता उनके पास आएंगे तो उनकी बातों पर गौर किया जाएगा।
मजदूरी के मिलने थे 20000 रुपए मामला सिकंदरपुर कर्ण विकासखंड के ग्रामसभा शुक्लापुर का है। उक्त गांव निवासी दिनेश ने बताया कि 2014 में उन्हें लोहिया आवास आवंटित हुआ था। जिसके एवज में 3 लाख 5 हजार रुपए की रकम मिलने थी। जिसमें मात्र उन्हें 275000 रूपय मिला। उन्होंने बताया कि विभागीय मिलीभगत से उनके घर पर सौर ऊर्जा बैटरा पैनल व तीन लाइट के साथ सोलन ऊर्जा से आच्छादित किया गया। परंतु इसकी कीमत ₹30000 वसूली गई है। जिसकी मार्केट रेट मात्र ₹12000 होगी। दिनेश ने बताया कि लोहिया आवास के आवंटन के समय उनसे कहा गया था कि आप लोग अपने आवास में मजदूरी करके पैसा भी कमा सकते हैं। जिस पर उन्होंने अपने आवास के निर्माण के दौरान मय परिवार के मेहनत करके मजदूरी की। परंतु उन्हें मजदूरी का एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।
नहीं मिली आखिरी किश्त मजदूरी के रूप में मिलने वाली अंतिम किस्त उन्हें अभी तक नहीं मिली है। इस संबंध में कई चक्कर विकास खंड कार्यालय सिकंदरपुर कर्ण के चक्कर लगा चुके हैं। परंतु उन्हें भवन निर्माण की अंतिम किस्त नहीं दी जा रही है। बताया जाता है कि अभी बजट नहीं आया। यही शिकायत सुखबीर पुत्र कढली, शत्रुघ्न पुत्र राम स्वरूप, सीमा पत्नी शत्रुघ्न, सालू पुत्र दुर्जन, रिंकी पत्नी जसवंन्त, झब्बो देवी पत्नी दिनेश आदि की भी है। जिन्हें 3 वर्षों से अपनी मजदूरी के पैसे के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को शिकायती पत्र भेज चुके हैं सांसद साक्षी महाराज से भी मिलकर मजदूरी बीस-बीस हजार रुपए दिलाए जाने की मांग की। परंतु अभी तक उन्हें पैसा उपलब्ध नहीं हुआ है। इस विषय में खंड विकास अधिकारी सिकंदरपुर कर्ण ने बताया कि मामला उनकी जानकारी में नहीं है जैसे ही उनकी जानकारी में आएगा वह कार्यवाही करेंगी।