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दबंगों के खिलाफ नहीं हो रही कार्रवाई, पीड़ित दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर

locationउन्नावPublished: Oct 12, 2017 02:42:48 pm

20 दिनों तक अस्पताल में जीवन मृत्यु से संघर्ष करने के बाद भी नहीं मिला न्याय, टूटे जबड़े से बोलना मुश्किल। पुलिस अधीक्षक से लगाई गुहार।

Loot murder crime in Unnao UP hindi news

दबंगों के खिलाफ नहीं हो रही कार्रवाई, पीड़ित दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर

उन्नाव. पुलिस दबंगों के सामने नत मस्तक है या फिर कार्रवाई करने में लापरवाही करती है। यह तो जांच का विषय है। परंतु पुलिस अधीक्षक कार्यालय में थाने से निराश पीड़ितों की भीड़ खूब देखी जा सकती है। कई मामलों में तो पुलिस अधीक्षक के हस्ताक्षेप के बाद मुंकदमा पंजीकृत हो पाया है। कई मामलों में पीड़ित पुलिस अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इसी प्रकार का एक मामला बीघापुर थाना क्षेत्र के गांव आड़ा खेड़ा पुलिस अधीक्षक की चौखट पर पहुंचा। जिसमें पीड़ित ने पुलिस अधाक्षक को दिये शिकायती पत्र में बताया कि गांव का ही रहने वाले ने उसे लाठी से जमकर मारा। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उपचार के लिये जिला अस्पताल लाया गया। जहां गभीर स्थिति को देखते हुये डाक्टरों ने कानपुर रेफर कर दिया। जहां वह 20 दिनों तक भर्ती रहा। इस मामले में उसने थाना में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। परंतु थाना पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से हमलावर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।
पुलिस आती है परंतु मिलकर वापस चली जाती है

बीघापुर थाना क्षेत्र के गांव आड़ा खेड़ा निवासी सुरेन्द्र पुत्र गिरधारी ने पुलिस अधीक्षक को दिये पत्र में बताया कि वह अपने खेत में काम करने के लिये गया था। उसी समय गांव के रहने छोटू पुत्र गोपाली लाठी लेकर आया और उसे मारने लगा। वह वहीं पर गिर गया। इसके बाद भी छोटू लगातार उसे लाठी से मारता रहा। शोर सुन कर मौके पर गांव के ही राजन पुत्र कल्लू कश्यप, राजू पुत्र विश्राम यादव, लाल सिंह, मन्ना आदि लोगों ने आकर मुझे बचाया। घायलावस्था में मुंझे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुये डाक्टरों ने कानपुर रेफर कर दिया। कानपुर के हैलट में उसका बीस दिनों तक इलाज चला। जहां इस दौरान वह जिन्दगी मौत से लड़ता रहा। सुरेन्द्र ने बताया बीघापुर थाना का सिपाही हैलट तक उसके साथ गया था। इसके बाद भी पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। उसने बताया कि वह थाना के कई चक्कर लगा चुका है। परंतु पुलिस द्वारा मुकदमा नहीं लिखा जा रहा है। अपनी शिकायती पत्र में उसने बताया कि पुलिस छोटू के घर से मुर्गा, दारू पीकर वापस चली जाती है। परंतु कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। पुलिस अधीक्षक को दिये पत्र में सुरेन्द्र ने छोटू के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
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