उन्नाव

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती – यहां तो राष्ट्रपिता के विचारों को ही बदल दिया गया

– महात्मा गांधी ने कहा था आपके परिसर में आने वाला ग्राहक महत्वपूर्ण आगंतुक
– आज परिसर में आने वाले ग्राहक को सरकारी कार्य में बाधक समझा जाता है

उन्नावOct 02, 2019 / 11:45 am

Narendra Awasthi

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती – यहां तो राष्ट्रपिता के विचारों को ही बदल दिया गया

उन्नाव. महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल अपनी सुविधा के अनुसार सरकार और सरकारी कर्मचारी करते रहते हैं। उनके द्वारा कहे गए स्लोगन का उपयोग भी अपनी जरूरत के हिसाब से सरकार व सरकारी कर्मचारी करते हैं। लेकिन सरकार और सरकारी कर्मचारी महात्मा गांधी के द्वारा कहे गए इस महत्वपूर्ण स्लोगन को ना तो कभी याद करते हैं और ना ही याद रखने का प्रयास करते हैं। यहां तक कि सरकारी कार्यालयों में काफी लंबे समय तक दिखने वाला यह स्लोगन आज विलुप्त हो चुका है। स्थानीय उन्नाव जंक्शन रेलवे स्टेशन पर यह स्लोगन सरकारी कर्मचारियों को आईना दिखा रहा है। परंतु आज विभिन्न सरकारी संस्थाओं मेंं इसके विपरीतार्थक शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा गया है कि यदि आपने सरकारी कार्य में बाधा डालने पर आप के खिलाफ संगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत होगा। जो गांधी जी के कथन के बिल्कुल विपरीत है।

महात्मा गांधी ने कहा था

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नौकरी कर रहे सरकारी कर्मचारियों के संबंध में दिए गए अपने स्लोगन में कहा था कि – ग्राहक आपके परिसर में आने वाला अति महत्वपूर्ण आगंतुक है। वह हमारे कार्य में बाधक नहीं है क्योंकि उसके आगमन का एक उद्देश्य है। उसकी सेवा करके हम उस पर अनुग्रह नहीं कर रहे हैं बल्कि वह ऐसा करने का अवसर देकर हमें अनुग्रहित कर रहा है।

 

महात्मा गांधी के विचारों को बदल दिया गया

समय के साथ महात्मा गांधी के विचार के साथ स्लोगन भी बदल गए अब तो ग्राहक को बाधक समझा जाने लगा है। पंजाब नेशनल बैंक सहित बैंक की सभी शाखाओं में परिसर में आने वाले ग्राहक को बाधक के रूप में देखा जाता है सूचना पट्ट में लिखा है – सभी ग्राहकों को सूचित किया जाता है कि शाखा परिसर में किसी बैंक अधिकारी व कर्मचारी से कोई भी व्यक्ति अनावश्यक दुर्व्यवहार एवं उनके कार्यों में बाधा उत्पन्न करता हुआ पाया जाता है तो आईपीसी की धारा 332 / 352 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा और इसके लिए उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसके अंतर्गत 3 वर्ष की सजा व ₹1 लाख के जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

 

आज ग्राहक सरकारी कार्य में बाधक समझा जाता है

इस संबंध में बातचीत करने पर वरिष्ठ अधिवक्ता व ज्योतिषाचार्य शंकर दयाल त्रिवेदी ने कहा कि महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब सरकारी कार्यालयों में लगे सूचना पट्ट जिसमें लिखा है कि ग्राहक यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी से उसकी इच्छा के विपरीत बात करता है तो इसे सरकारी कार्य में बाधा समझा जाएगा और उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी को हटा दिया जाए। आज ग्राहक सरकारी कार्य में बाधक समझा जाता है।

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