मुख्य चिकित्सा अधिकारी व विधायक बृजेश रावत का मामला लोगों के सामने आक्रोशित विधायक ने इस मौके पर कहा कि आप लोगों को सरकार तनख्वाह रिश्वत लेने के लिए नहीं देती है। लेकिन महिला स्वास्थ्य कर्मी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। रिटायरमेंट की कगार पर पहुंच चुकी स्वास्थ्य कर्मी को विधायक बंबा लाल दिवाकर ने जिम्मेदारी का एहसास कराया। इसके पूर्व मोहान विधायक बृजेश रावत और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बीच हुई तनातनी का उग्र सामने आ चुका है। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समर्थन में स्वास्थ्य कर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल भी किया। बाद में प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद मामला रफा-दफा किया गया। लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों के रवैया में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं आया। जनपद के किसी एक अस्पताल में भी स्वास्थ्य कर्मी अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का निर्देश भी नहीं मानते हैं स्वास्थ्य कर्मी इसके पहले भी सफीपुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विवादों में आ चुका है। आए दिन रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की चर्चा होते रहती है। स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के कारण मरीज व उनके तीमारदार की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है और मरीज को लेकर तीमारदार पेंडुलम की भांति स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल के बीच भटका करते हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी लालता प्रसाद ने स्वास्थ्य केंद्र का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं और उन्होंने डॉक्टरों को चेतावनी भी दी है। लेकिन इसका असर डॉक्टरों पर नहीं पड़ रहा है।