कानपुर में हुए 3 जून को हिंसा में एसआईटी की जांच मिठाई गई थी। जिसमें बाबा बिरियानी के मालिक मुख्तार बाबा पर भी गंभीर आरोप लगे थे। एसआईटी की जांच में निकल कर सामने आया कि मुख्तार बाबा ने कानपुर हिंसा के लिए फंडिंग की थी। इसके अतिरिक्त मुख्तार बाबा पर मंदिर की जगह पर कब्जे का भी आरोप है। जिसको लेकर उनके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिसमें एक राम जानकी मंदिर भी है। इसके अतिरिक्त शिव जी के मंदिर पर भी कब्जा किया गया है।
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लिए गए नमूने हुए फेल
इसी क्रम में जिलाधिकारी ने खाद्य एवं औषधि विवाह को मुख्तार बाबा के सभी रेस्टोरेंट्स के सैंपल लेने के लिए निर्देश दिए थे। डीएम के निर्देश पर खाद्य एवं औषधि विभाग ने बाबा के रेस्टोरेंट के नमूने लिए। जिसे जांच के लिए आगरा भेजा गया था। आगरा से आई रिपोर्ट के अनुसार बाबा बिरियानी, बाबा स्वीट्स सहित अन्य दुकानों के सैंपल स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खराब पाए गए। जिसके बाद प्रशासन ने मुख्तार बाबा के रेस्टोरेंट को सीज करने का निर्देश दिया।