मछुआरे कहां जाएं, नदी का तट ही तो उनका घर
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व सांसद रेवती रमण, मुंह में राम बगल में छुरी वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। जो प्रशासन को पत्र लिखकर अवैध खनन के नाम पर मछुआरों की शिकायत करते हैं। पुलिस मछुआरों को मारपीट कर उनके साधन संसाधन को नष्ट कर देती है। फिर उनके एमएलसी राजपाल कश्यप मरहम लगाते हैं। उन्होंने पूछा बताओ कितना बड़ा खेल चल रहा है, खनन माफिया कौन है, यह सबको पता है। प्रशासन के लोग उनसे मिले हैं। निर्दोष मछुआरों को फंसा दिया जाता है। उन्होंने प्रशासन से पूछा बताओ मछुआरे कहां जाएं। क्योंकि वहीं तो उनका घर है।
देश का असली भगवान वोटर है। वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनेगा। तभी देश की गरीबी खत्म होगी।निषाद पार्टी रीच का वोटर, टीच का वोटर और कास्ट वोटर मुहिम चला रही है। जिसके अंतर्गत उन्हें जागरूक किया जाएगा। इसके लिए निषाद पार्टी मुहिम चलाएगी। हम 160 सीटों पर निर्णायक भूमिका में है।
भाजपा वादा पूरा करें
भारतीय जनता पार्टी ने भी निषाद समाज को आरक्षण देने का वादा किया था। लेकिन भाजपा भी हमें आरक्षण नहीं दे रही है। अगर भारतीय जनता पार्टी अपना वादा पूरा नहीं करती है तो निषाद समाज आगामी विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिसमें 160 सीटें निषाद या मछुआ बहुल हैं। निषाद पार्टी पंचायत चुनाव में उतरेगी और जीत दर्ज करेगी। हम स्वर्गीय मनोहर लाल के अधूरे सपने को पूरा करेंगे।
संजय निषाद ने कहा कि प्रियंका गांधी का इलाहाबाद में मौनी अमावस्या का स्नान करना ढोंग है। जनता सब जानती है। इनके पिताजी, दादी, इनके नाना सबका नाता इलाहाबाद से रहा। लेकिन मछुआरों से कभी नहीं रहा। आज गद्दी खिसक गई तो मछुआरे याद आ रहे हैं। गद्दी पाने की जद्दोजहद में लगे हैं। यह तो राम को भी नहीं मानते थे। इनके लिए राम काल्पनिक थे। जब जनता ने वोटों का तमाचा लगाया तो गंगा मैया भी याद आने लगी और मछुआरे भी।
किसी भी सरकार को चलाने के लिए पॉलिटिकल पार्टनरशिप की जरूरत पड़ती है। कांग्रेस के समय विदेशी कंपनियां, सपा के समय अमर सिंह एंड कंपनी, बसपा के समय सतीश मिश्रा एंड कंपनी और अब वर्तमान समय में अदानी अंबानी एंड कंपनी है। यह लोग राजनीति एवं बजट के हिस्सेदार होकर मजबूत हो रहे हैं। वही देश का वोटर राजनीत और बजट का शिकार होकर निर्बल हो रहा है। देश में गरीबी तब तक खत्म नहीं होगी। जब तक वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनकर बजट का हिस्सेदार नहीं होता है। इस मौके पर निषाद पार्टी के जिलाध्यक्ष रामखेलावन निषाद सहित अन्य लोग मौजूद थे