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Navratri 2017: नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की धूमधाम से की गई पूजा अर्चना

locationउन्नावPublished: Sep 21, 2017 05:13:56 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

Navratri 2017: नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की धूमधाम से की गई पूजा अर्चना

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उन्नाव. शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर आज गुरुवार को मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर जनपद के विभिन्न देवी मंदिरों में माता भक्तों का आने का क्रम लगातार बना हुआ है। माता के जयकारे के साथ भक्तगण कतारबद्ध होकर माता के दर्शन कर रहे हैं।
सुबह से ही भक्तों के द्वारा माता के दर्शन का जो सिलसिला शुरू होता है। स्टेशन रोड स्थित मां दुर्गा मंदिर, कल्याणी देवी मंदिर, पूर्णा देवी धाम सहित ग्रामीण अंचलों में भी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है।
मंदिर जाने वाले मार्ग के दोनों तरफ लगी दुकानें माहौल को भक्ति में बना रही हैं। रंग बिरंगी चुनरी नारियल के गोले, फूल, पेड़े, बतासे सहित अन्य पूजन सामग्री की बड़ी बड़ी दुकानें लगाई गई है। माता की जयकारों से पूरा माहौल गुंजायमान है।
प्रथम दिन हिमालय पुत्री की हो रही पूजा अर्चना

शारदीय नवरात्र प्रारंभ में आज गुरुवार को मां शैलपुत्री की उपासना की जा रही है। माता शैलपुत्री गिरिराज हिमालय की पुत्री है। श्वेत व दिव्य स्वरूप वाली मां शैलपुत्री वृषभ विराजमान है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
कथा के अनुसार मां शैलपुत्री पूर्व जन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थी। जिनका विवाह भगवान शिव से हुआ था। दक्ष महाराज द्वारा यज्ञ में शिव शंकर को अपमानित करने से क्रोधित सती ने अग्निकुंड में अपने शरीर को भस्म कर दिया था।

तत्पश्चात उन्होंने हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। कठिन तपस्या कर उन्होंने शिवजी को प्रसन्न किया और शैलपुत्री के नाम से ख्याति प्राप्त की। शैलपुत्री को माता पार्वती भी कहा जाता है।
मंदिर परिसर में बने दरबार में माथा टेककर भक्त अपनी मनोकामना पूरी करते हैं।लखनऊ कानपुर बाईपास स्थित मां पूर्णा देवी धाम में भक्तों का सुबह से ही तांता लगा रहा। पूर्णा देवी धाम में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा के स्थापित है। इसके साथ भगवान गणेश जी, भोले बाबा, भगवान रामचंद जी का दरबार, संकट मोचन हनुमान , भैरव बाबा, प्रेतराज सरकार, शनि देव महाराज, पश्चिमी मुखी हनुमान, राधे कृष्ण, साईं बाबा, चित्रगुप्त भगवान, भैरव बाबा, नवग्रह का दरबार, भगवान विष्णु, मां काली, माता बगलामुखी मां, श्याम खाटू जी महाराज का दरबार भी स्थापित है।

लगभग दो एकड़ क्षेत्रफल में पहले परिसर में बने दरबार भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं और सभी दरबार अपनी भव्यता लिए हुए हैं। परिसर में नवरात्रि के पावन दिनों में चतुर्दिक छ्टा बियरी रहती है।

घंटे घड़ियाल की आवाज से भक्तों में उत्साह भर जाता है। वही सिविल लाइन स्थित मां कल्याणी देवी मंदिर में भी भक्तों ने माता के सामने मत्था टेका। मां कल्याणी देवी मंदिर परिसर में मां अन्नपूर्णा देवी का भी दरबार है। इसके साथ ही भोले शंकर व शनि देव महाराज का भव्य मंदिर स्थापित है। जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

मंदिर परिसर में काफी संख्या में दुकानें भी लगाई गई है। जिसमें प्रसाद के साथ भक्तगण अपनी जरूरतों का सामान खरीदते हैं। वहीं एक तरफ प्रसाद व माता के श्रृंगार का सामान उपलब्ध है। शहर के बीच में स्थित मां कल्याणी देवी मंदिर में भक्तों का ताता देर रात तक लगा रहता है। जहां पर भक्तों द्वारा देवी गीत व भजन भी गाए जा रहे हैं।
घंटे घड़ियाल की आवाज से मंदिर परिसर गुंजायमान है। कल्याणी देवी मंदिर के सामने जल सरोवर भक्तों के मन को कचोटता है। पूरा तलाब मोहल्ले के गंदे पानी का स्रोत बन गया है। जलकुंभी विशाल तलाश कि पहचान बन गई है।
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