गौरतलब है लॉकडाउन के दौरान तमाम प्राइवेट स्कूल बंद चल रहे हैं। इसके बाद भी बड़े-बड़े स्कूलों द्वारा स्कूल फीस के साथ ट्रांसपोर्ट चार्ज, डायरी, डेवलपमेंट सहित अन्य चीजों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त के हिसाब से वसूली कर रहे हैं। मामला जिला अधिकारी के सामने भी आया। लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला। हिंदू जागरण मंच खुलकर अभिभावकों के साथ खड़ा हैं। लगातार हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार से मांग कर रहा है कि कोरोना काल में लॉक डाउन की वजह से आर्थिक रूप प्रभावित स्कूली बच्चो के अभिभावकों की पीड़ा को समझते हुए जब तक स्कूल नहीं खुलते तब तक की सम्पूर्ण फीस माफ़ की जाये।
हिंदू जागरण मंच समस्त निजी स्कूलों से आग्रह करता है कि वो स्कूल बंद रहने के समय की फीस छात्रों से न ले। जब स्कूल खुले नहीं, पढ़ाई कराई नही गई, तो फीस वसूलना नैतिक आधार पर गलत है। महामारी के चलते अभिभावकों पर वसूली का दबाव बनाना उचित नहीं हैं। ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर फीस की वसूली पूर्णतः गलत है। ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे क्या शिक्षा दी जा रही है। हम सभी जानते हैं गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों में महंगे फोन, लैपटॉप के साथ रिचार्ज कराना बहुत ही मुश्किल है तो वह उनके बच्चे ऑनलाइन क्लासेस कैसे ज्वाइन करेंगे। NO SCHOOL- NO FEES मुहिम से जुड़ने के लिए मंच के जिलाध्यक्ष अजय त्रिवेदी, हरीश महराज, विकास सिंह सेंगर, धर्मेन्द्र शुक्ला, मनीष अवस्थी, शिव सेवक त्रिपाठी, शिवम आजाद, अंशू शुक्ला, राजेश शुक्ला, अखिल मिश्रा, उमा शुक्ला सहित अन्य कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल थे।