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NO SCHOOL – NO FEES को मिला समर्थन, कई स्कूलों ने फीस ना लेने की घोषणा की

locationउन्नावPublished: Jul 10, 2020 09:46:27 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

– कोरोनावायरस काल में स्कूल बंद लेकिन ट्रांसपोर्ट से लेकर डायरी फीस की वसूली
 

NO SCHOOL - NO FEES को मिला समर्थन, कई स्कूलों ने फीस ना लेने की घोषणा की

Paitrik

उन्नाव. अभिभावकों के साथ स्कूलों के द्वारा भी NO SCHOOL- NO FEES के समर्थन में सामने आ रहे हैं। हिंदू जागरण मंच की मुहिम को लगातार समर्थन मिल रहा है। कई प्राइवेट स्कूल इलाज के दौरान फीस न लेने की घोषणा की। आरके मांटेसरी हाई स्कूल मोहान के प्रबंधक विनोद कुमार मौर्य लॉकडाउन के दौरान 2 माह की फीस माफ करने की घोषणा की और इस संबंध में उन्होंने व्हाट्सएप पर इसकी जानकारी हिंदू जागरण मंच के मुहिम को दी। इस संबंध में हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय मंत्री व प्रभारी विमल द्विवेदी ने विनोद मोर्य सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया है उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब देश दुनिया का पूरा जनजीवन पूरी तरह ठप चल रहा है। ऐसे में प्राइवेट स्कूल भी बंद चल रहे हैं। अभिभावकों पर इसका अतिरिक्त दबाव बन रहा है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा फीस माफी की घोषणा राहत प्रदान करने वाला है।

ट्रांसपोर्ट चार्ज, डायरी, डेवलपमेंट सभी की वसूली

गौरतलब है लॉकडाउन के दौरान तमाम प्राइवेट स्कूल बंद चल रहे हैं। इसके बाद भी बड़े-बड़े स्कूलों द्वारा स्कूल फीस के साथ ट्रांसपोर्ट चार्ज, डायरी, डेवलपमेंट सहित अन्य चीजों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त के हिसाब से वसूली कर रहे हैं। मामला जिला अधिकारी के सामने भी आया। लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला। हिंदू जागरण मंच खुलकर अभिभावकों के साथ खड़ा हैं। लगातार हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार से मांग कर रहा है कि कोरोना काल में लॉक डाउन की वजह से आर्थिक रूप प्रभावित स्कूली बच्चो के अभिभावकों की पीड़ा को समझते हुए जब तक स्कूल नहीं खुलते तब तक की सम्पूर्ण फीस माफ़ की जाये।

स्कूल बंद रहने के बाद भी फीस, क्यों!

हिंदू जागरण मंच समस्त निजी स्कूलों से आग्रह करता है कि वो स्कूल बंद रहने के समय की फीस छात्रों से न ले। जब स्कूल खुले नहीं, पढ़ाई कराई नही गई, तो फीस वसूलना नैतिक आधार पर गलत है। महामारी के चलते अभिभावकों पर वसूली का दबाव बनाना उचित नहीं हैं। ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर फीस की वसूली पूर्णतः गलत है। ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे क्या शिक्षा दी जा रही है। हम सभी जानते हैं गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों में महंगे फोन, लैपटॉप के साथ रिचार्ज कराना बहुत ही मुश्किल है तो वह उनके बच्चे ऑनलाइन क्लासेस कैसे ज्वाइन करेंगे। NO SCHOOL- NO FEES मुहिम से जुड़ने के लिए मंच के जिलाध्यक्ष अजय त्रिवेदी, हरीश महराज, विकास सिंह सेंगर, धर्मेन्द्र शुक्ला, मनीष अवस्थी, शिव सेवक त्रिपाठी, शिवम आजाद, अंशू शुक्ला, राजेश शुक्ला, अखिल मिश्रा, उमा शुक्ला सहित अन्य कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल थे।

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