मामला सफीपुर क्षेत्र से जुड़ा है। फतेहपुर 84 क्षेत्र के गांव कांजीपुर बंगर निवासी महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस संबंध में उसने आशा बहू को इसकी जानकारी दी। आशा बहू रत्ना तिवारी ने गर्भवती महिलाओं के लिए बनाई गई 102 एंबुलेंस पर कॉल करके एंबुलेंस बुलाने का प्रयास किया। लेकिन उसका फोन रिसीव नहीं हुआ। इसी बीच महिला की स्थिति बिगड़ती जा रही थी।
आशा बहू मोटरसाइकिल से ले जा रही थी प्रसव पीड़िता को
उसने पड़ोस में रहने वाले युवक की मोटरसाइकिल पर बैठाकर प्रसूता को सफीपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने लगी। बांगरमऊ उन्नाव मार्ग पर स्थित माथर गांव के निकट महिला प्रसव की पीड़ा से तड़पने लगी। आशा बहू ने सड़क किनारे ही बाइक से उतारकर प्रसव कराने की कोशिश शुरू की। इसी बीच मौके से स्कूल चलो अभियान की रैली निकल रही थी। जिसमें साथ चल रही शिक्षिकाओं ने आशा बहु की मदद की और साड़ी और दुपट्टे से घेरा बना प्रसव कराया। प्रसव होने के बाद आशा बहू ने जच्चा-बच्चा को विक्रम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सफीपुर में भर्ती कराया। स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों के अनुसार जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। एंबुलेंस सेवा ना मिलने के कारण लोगों में रोष व्याप्त है। इस बात की चर्चा सोशल मीडिया पर भी जमकर हो रही है।