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इस दवा के खाने के बाद यदि आपको सर दर्द या चक्कर का असर दिखाई पड़े तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें

locationउन्नावPublished: Nov 13, 2018 04:58:32 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस पर खिलाई जाएगी जनपद वासियों को दवा

राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस पर खिलाई जाएगी जनपद वासियों को दवा

इस दवा के खाने के बाद यदि आपको सर दर्द या चक्कर का असर दिखाई पड़े तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें

उन्नाव. इस दवा को खाली पेट नहीं खाना है। यदि खाने के बाद सर दर्द, चक्कर आदि हो तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लाल का प्रसाद नीति उन्होंने कहा कि जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में दो वर्ष से अधिक आयु के लोगों को राष्ट्रीय फालेरिया दिवस 14 से 16 नवम्बर-2018 तक घर-घर जाकर आशा, आशा संगिनी, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, स्वयं सेवकों द्वारा फाइलेरिया रोग से बचाव की दवा-डीईसी गोली एवं पेट के कीड़े की दवा अल्बेण्डाजाल टेबलेट निःशुल्क खिलाई जायेगी। इस कार्य हेतु 3879 स्वास्थ्य कर्मी लगाये गये है। अभियान के दौरान इस दवा से 2 वर्ष से अधिक आयु के लक्षित जनसंख्या 2909186 को आच्छादित किया जायेगा। जो लोग दवा खाने से छूट जायेगें, उन्हें मापअप राउण्ड में दिनांक 17 व 18 नवम्बर को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जायेगी।

फाइलेरिया रोग कैसे फैलता है पढ़े

फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स पैटीगन्स मादा मच्छर के काटने से से होने वाला संक्रामक से होता है। जिससे सामान्यः हाथी पाव के नाम से जाना जाता है। क्युलेक्स मच्छर गंदे पानी में पनपते है। संक्रमित व्यक्ति को काट कर मच्छर संक्रमित हो जाते जो स्वस्थ व्यक्ति को काटकर संक्रमित कर देते है। संक्रमित व्यक्ति को हाथीपाव व हाइड्रोसील का खतरा रखता है।

फाइलेरिया के लक्षण निम्न है

फाइलेरिया रोगी में बुखार-बदन में खुजली, पुरूषों के जननागों में तथा आस-पास दर्द या सूजन होना, हाथ व पैर में सूजन, हाथीपांव और हाइड्रोसील, अण्ड कोशों का असामान्य बड़ा होना, स्तनों का असामान्य बड़ा होना आदि है।

फाइलेरिया से रोकथाम व नियन्त्रण के लिए यह आवश्यक है

मच्छरदानी का प्रयोग किया जाये। आस-पास साफ-सफाई रखी जाये। घर के आस-पास के गड्डों नाले नालियों में जल एकत्रित न होने दिया जाये। अभियान में फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खाऐ। यह दवा फाइलेरिया के परजीवी को मार देती है। मरते हुए परजीवियों के प्रतिक्रिया स्वरूप कभी-कभी सर दर्द, शरीर में दर्द, बुखार उल्टी तथा बदन पर चकत्ते एवं खुजली जैसी मामूली प्रतिक्रियाएें हो सकती है। इस तरह की परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक को दिखाया जाये।
गोली का सेवन निम्न विधि से करना है

2 से 5 वर्ष आयु के बच्चों को डीईसी की एक गोली 100 मिग्रा तथा 1 गोली अल्बेण्डाजाल 400 मिग्रा, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की 2 गोली 100 मिग्रा, 01 गोली अल्बेण्डाजाल तथा 15 वर्ष व उससे ऊपर की आयु वाले व्यक्तियों को डीईसी की 03 गोली 100 मि0ग्रा0 तथा अल्बेण्डाजाल की 1 गोली खानी है। यह दवा खाली पेट नही खाना है। अल्बेण्डाजाल की गोली चबाकर खाना है। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गम्भीर रूप से पीड़ित व्यक्तियों को नही खाना है। डी.ई.सी. की गोली वर्ष में केवल 1 बार व लगातार 5 से 6 वर्ष तक आयु वर्ग के अनुसार खानी चाहिए। इससे फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है।

फाइलेरिया की जांच सुविधा पुराना अस्पताल परिसर में चलो

पुराना अस्पताल परिसर निकट रेलवे स्टेशन में संचालित फाइलेरियां जांच यूनिट में प्रत्येक बृहस्पतिवार को रात्रि में फाइलेरिया की निःशुल्क जांच सुबिधा प्रदान की जाती है। जहां मरीज फाइलेरिया की जांच कल आ सकता है।
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