त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में योगी शासन द्वारा दी गई आरक्षण नीति के अनुसार आरक्षण सूची जारी की गई थी आरक्षण सूची जारी होने के बाद उन लोगों में निराशा दौड़ गई थी जिन्होंने दशकों से पंचायत की सीटों पर कब्जा किए हैं। ऐसी तमाम सीटें नई आरक्षण नीति में आरक्षित कर दी गई थी जो आजादी के बाद से आज तक कभी आरक्षण की सूची में नहीं आई थी। लेकिन हाई कोर्ट ने आरक्षण सूची पर रोक लगा दी है और नए सिरे से 2015 को आधार वर्ष मानते हुए आरक्षण सूची जारी करने का निर्देश दिया है। डीपीआरओ कार्यालय द्वारा जारी किए गए आरक्षण सूची और उनकी आपत्तियां सभी निरर्थक साबित हुई। अब एक बार फिर नए सिरे से सूची जारी करने की कवायद में विभाग लगा है।