इस संबंध में बातचीत करने पर जिला अध्यक्ष अवधेश कटियार ने कहा कि यह बिल्कुल अप्रत्याशित था उन्होंने प्रधानमंत्री को राम दरबार भेंट करने के बाद संघ के प्रचारक के नाते उनके आशीर्वाद लेने के लिए पैर छुए थे। लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें ऐसा करने से मना किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यकर्ता ऐसा नहीं करता है। और उन्होंने उनके पैर छू लिए।
एक सवाल के जवाब में अवधेश कटियार ने कहा कि वह पिछले 5 दिनों से प्रधानमंत्री की रैली के लिए मैदान तैयार करवा रहा था। उनकी इच्छा थी कि प्रधानमंत्री के पैर उन्नाव के जमीन में पड़ जाएं। इसी बीच मौके पर माताएं और बहनें आई और कहने लगी कि मेरे भगवान आने वाले हैं अगर दर्शन हो गए तो मेरा भाग्य निखर जाएगा। यही अनुभव उनका खुद का अपना था।
अपने शिक्षा विषय में अवधेश कटियार ने बताया कि उन्होंने फर्रुखाबाद से उन्होंने हाईस्कूल और इंटर किया है। जबकि स्नातक की शिक्षा उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से की है। उन्होने कहा कि उनके पिता फर्रुखाबाद में इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल थे। हाईस्कूल और इंटर उन्होंने बांगरमऊ से किया है और आगे की शिक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से हुई है। स्व. परशुराम कटियार 1945 में आरएसएस के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जिला संघचालक संभाग कार्यवाह के रूप में काम किया है।