आसीवन थाना पुलिस के अनुसार सुसंगत साथियों और वैज्ञानिक प्रविधियां का प्रयोग करते हुए गहनता से विवेचना और उस समय से पैरवी भी की गई। जिसके फलस्वरूप न्यायालय एडीजे II/POCSO ACT ने अभियुक्त रिंकू सिंह पुत्र शिवशंकर सिंह को दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अलग-अलग धाराओं में दर्ज मुकदमा के लिए अलग-अलग सजा सुनाई गई है। जिसमें धारा 302 IPC में सश्रम आजीवन कारावास के साथ ₹10000 का अर्थदंड भी लगाया गया है। धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास व ₹10,000 अर्थदण्ड, धारा 363 IPC के तहत 07 वर्ष सश्रम कारावास व ₹5,000/- अर्थदण्ड , धारा 201 IPC के तहत 03 वर्ष के सश्रम कारावास व ₹3,000/-र अर्थदण्ड व धारा 7 सीएलए के तहत 06 माह का साधारण कारावास व ₹5,00/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।