मोदी सरकार पर दलित और ओबीसी विरोधी का ठप्पा लग रहा था सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट कानून को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद मोदी सरकार पर यह आरोप लग रहा था कि यह दलित विरोधी है और सुप्रीम कोर्ट से मिलकर कानून को निरस्त कर दिया है। मोदी सरकार को यह सिद्ध करने के लिए कि वह दलित विरोधी नहीं है उसी कानून को बहाल किया गया है कोई नया कानून नहीं बना है जो सारी दुनिया में चर्चा चल रहा है कि नया प्रस्ताव बना दिया नया कानून पास कर दिया। इसी प्रकार मंदिर निर्माण का क्यों नहीं बनाया जा रहा है। मोदी ने कोई नया कानून नहीं बनाया है। कानून का अतिक्रमण जो सुप्रीम कोर्ट ने कर किया था। यह बताने के लिए कि सुप्रीम कोर्ट बड़ा नहीं है लोकसभा बड़ी है। संविधान के अधिकारों में सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। जो संविधान की धारा है सुप्रीम कोर्ट का काम है उनको लागू करना और उसके आधार पर निर्णय करना।
सुप्रीम कोर्ट अपनी इच्छा से बाबा साहब अंबेडकर की धाराओं को नहीं बदल सकता सुप्रीम कोर्ट अपनी इच्छा से किसी धारा को बदल नहीं सकता है। बाबा साहब अंबेडकर की इस धारा को सुप्रीम कोर्ट ने बदलने का काम किया था। उस को यथावत किया गया है। मोदी सरकार ने कोई नया कानून नहीं बनाया है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जाने वाले सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि आजम खान ने किसी मामले को लेकर कहा करते थे कि मैं तो विदेश जाऊंगा। यहां तो कोई किसी को रोक नहीं सकता। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां सब पर यह सब चलता है। जिसको जहां जाना है जाएगा।