कंपोजिट स्कूल ग्रांट में निम्न कमियां पाई गई
जांच में पाया गया कि तथाकथित जिला स्तरीय कमेटी जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा कंपोजिट ग्रांट के तहत राज्य परियोजना कार्यालय से निर्गत कार्यों की सूची को अनाधिकृत रूप से अधिकृत करते हुए जिला स्तर पर नई सूची जारी की गई एवं अनुमोदित कार्यों को भी कम किया गया।
इसी प्रकार जिला स्तर पर राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा निर्धारित अनिवार्य कार्यों की सूची में वितरण करते हुए अन्य सामान्य कार्यों वस्तुओं को जोड़ दिया गया तथा राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा निर्धारित अनिवार्य कार्यों को सूची से हटा दिया गया।
जौनपुर की फर्म को दिया गया था ऑर्डर
विभिन्न विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट से एक ही विशेष फर्म जो कि जनपद जौनपुर की फर्म है से ही अधिकांश सामग्री क्रय की गई है। साथ ही साथ सामग्री का क्रय बाजार दर से उच्च दर पर किया गया है एवं सामग्री की गुणवत्ता अधो मानक है फर्म जीएसटी हेतु पंजीकरण भी नहीं है।
दिनांक 20 सितंबर 18 को धनराशि सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय से जिला परियोजना कार्यालय उन्नाव के लिए आवंटित की गई। जिसे जिला स्तर से विभिन्न विद्यालयों के खातों में दिनांक 15 अक्टूबर 2018 को ही आरटीजीएस के माध्यम से हस्तांतरित कर दी गई थी। परंतु सामग्री के क्रय हेतु दिनांक 23 फरवरी 2019 को जिला स्तर से सूची निर्गत की गई। जिससे स्पष्ट है कि धनराशि आवंटित होने के बावजूद समय से सामग्री क्रय नहीं की गई एवं विकेंद्रीकृत व्यवस्था को केंद्रीय कर दिया गया। जिलाधिकारी को निलंबित करने के साथ ही रविंद्र कुमार प्रथम को उन्नाव का जिलाधिकारी बनाया गया है।