जनपद के बिहार स्थित त्रिवेणी इंटर कॉलेज की छात्रा रिद्धिमा शुक्ला ने 2018 में हाई स्कूल की परीक्षा दी थी लेकिन उसका रिजल्ट आशा के अनुरूप नहीं आया। उसे 600 में 554 अंक मिले थे। संस्कृत और सामाजिक विषय में उसे कम अंक मिलने की आशंका थी। जिसके बाद उसने कॉलेज की मदद से बोर्ड के अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। रिद्धिमा शुक्ला ने सूचना के अधिकार का सहारा लिया और अपनी संस्कृत की कॉपी को देखा। अपने संस्कृत की कॉपी को देखकर रिद्धिमा चौक गई। संस्कृत की पूरी कॉपी जांच ही नहीं गई थी। जिसके बाद उसने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंतता रिद्धिमा के पिता आशीष कुमार शुक्ला ने हाई कोर्ट में पुनर्मूल्यांकन के साथ रिजल्ट सुधारने वाद दाखिल किया। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यूपी बोर्ड को निर्देशित किया कि रिद्धिमा की कॉपी का पुनर्मूल्यांकन कर उसके नंबर प्राप्तांक में जोड़े जाएं। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दोषी शिक्षकों के खिलाफ रुपए 20-20 हजार का जुर्माना लगाया। हाई कोर्ट के आदेश से रिद्धिमा ने राहत की सांस ली और उसके चेहरे पर मुस्कान आई। संस्कृत में उसके सात नंबर बढ़ गए। जिससे उसके 600 में 561 नंबर हो गए और वह प्रदेश के टॉप टेन में संयुक्त रूप से सातवें स्थान पर आ गई। टॉप टेन आने आने के बाद परिवारी जनों में खुशी का माहौल है।