राज्य शासन द्वारा प्राइमरी विद्यालयों के प्रति लोगों के आकर्षण को बढ़ाने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन यह सभी उपाय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। शासन द्वारा भेजी जाने वाली छात्र-छात्राओं को ड्रेस व शिक्षण सामग्री बीच के बिचौलिए हजम कर जाते हैं। 2017-18 का नया सत्र के आरंभ हुए 5 माह हो गए हैं, छात्र-छात्राओं को दिया जाने वाला बैग, स्कूल ड्रेस अब तक नहीं मिला है, जिससे छात्र-छात्राएं अीाी भी पुराने ड्रेस में स्कूल आने को मजबूर हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा प्रभारी अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया, परंतु वे मीटिंग में व्यस्त होने के कारण बात नहीं कर सके।
नैंसी को रोता देख मां-बाप हुए आक्रोशित
सिकंदरपुर सरोसी विकास खंड का गांव शंकरपुर में स्थित प्राइमरी विद्यालय की दूरी मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर है। गांव की ही रहने वाली छात्रा नैंसी पुत्री मनोज कक्षा तीन में बाल प्राइमरी विद्यालय में पढ़ती है। स्कूल बीच में छोड़कर रोते हुए घर पहुंची नैंसी ने अपने माता-पिता को बताया कि मैडम ने बहुत मारा है, इस दौरान वह फफक-फफक कर रो रही थी। अभिभावक द्वारा कारण पूछने पर नैंसी ने बताया कि पेंसिल ना होने के कारण मैडम ने बुरी तरह पीटा। बिटिया नैंसी को रोता देख आक्रोशित पिता मनोजए, उसके बाबा व मां स्कूल जा पहुंचे और अध्यापिका से बुरी तरह पीटने का कारण पूछा। बातचीत के दौरान अध्यापिका सोमवती ने बताया कि नैंसी को कई बार बुलाया, लेकिन वह नहीं आई। इस दौरान वीडियो में दोनों पक्षों में बातचीत को सुना जा सकता है। नैंसी के पिता मनोज ने बताया कि शंकरपुर बाल प्राइमरी विद्यालय की शिकायत वे जिलाधिकारी से करेंगे।
सिकंदरपुर सरोसी विकास खंड का गांव शंकरपुर में स्थित प्राइमरी विद्यालय की दूरी मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर है। गांव की ही रहने वाली छात्रा नैंसी पुत्री मनोज कक्षा तीन में बाल प्राइमरी विद्यालय में पढ़ती है। स्कूल बीच में छोड़कर रोते हुए घर पहुंची नैंसी ने अपने माता-पिता को बताया कि मैडम ने बहुत मारा है, इस दौरान वह फफक-फफक कर रो रही थी। अभिभावक द्वारा कारण पूछने पर नैंसी ने बताया कि पेंसिल ना होने के कारण मैडम ने बुरी तरह पीटा। बिटिया नैंसी को रोता देख आक्रोशित पिता मनोजए, उसके बाबा व मां स्कूल जा पहुंचे और अध्यापिका से बुरी तरह पीटने का कारण पूछा। बातचीत के दौरान अध्यापिका सोमवती ने बताया कि नैंसी को कई बार बुलाया, लेकिन वह नहीं आई। इस दौरान वीडियो में दोनों पक्षों में बातचीत को सुना जा सकता है। नैंसी के पिता मनोज ने बताया कि शंकरपुर बाल प्राइमरी विद्यालय की शिकायत वे जिलाधिकारी से करेंगे।
नहीं किया गया स्कूल ड्रेस और बैग का वितरण
शंकरपुर बाल प्राइमरी विद्यालय की छात्र-छात्राओं को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि नए सत्र को बीते 5 महीने हो गए हैं, परंतु अभी तक ना तो उन्हें ड्रेस मिला और ना ही किताब व बैग, जबकि प्रदेश की नई भाजपा सरकार ने ड्रेस वितरण की डेड लाइन तय कर रखी थी। इसके बावजूद समय से छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्कूल बैग का वितरण नहीं किया गया।
शंकरपुर बाल प्राइमरी विद्यालय की छात्र-छात्राओं को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि नए सत्र को बीते 5 महीने हो गए हैं, परंतु अभी तक ना तो उन्हें ड्रेस मिला और ना ही किताब व बैग, जबकि प्रदेश की नई भाजपा सरकार ने ड्रेस वितरण की डेड लाइन तय कर रखी थी। इसके बावजूद समय से छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्कूल बैग का वितरण नहीं किया गया।