आज के विधायक समाज से दूर उन्होंने कहा कि हम लोगों ने उस जमाने के, उस पीढ़ी के विधायकों को भी देखा है और आज के पीढ़ी के विधायकों को भी देख रहे हैं। समाज को अपने विधायकों से काफी अपेक्षाएं होती थी। विधायकों को भी समाज के प्रति दर्द था। उनके साथ कदमताल करते हुए चलते थे। अधिकारियों के पास पहुंच कर उनकी समस्याओं का समाधान कराते थे। वह दौर भी देखा है। लेकिन आज विधायकों में यह सब नहीं दिखाई पड़ता है। शिक्षक विधायक ने कहा कि पहले थोड़े-थोड़े संसाधनों से लोग चुनाव लड़ते थे और उनमें आम लोगों के प्रति सेवा का भाव और संकल्प होता था। परंतु आज इसका अभाव है। पांचवी बार शिक्षक विधायक बने राजबहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि शिक्षकों का समाज के प्रति क्या दायित्व हैं, शिक्षक समाज को क्या दे सकता है और कैसे समाज का पुनर्निर्माण कर सकता है। इस दिशा में कार्य करना चाहिए। यह सच्चाई है कि शिक्षक को यूंही राष्ट्र का निर्माता नहीं कहा गया है।
सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज ने कहा था शिक्षक का पद सबसे बड़ा इस मौके पर उन्होंने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज की सेवानिवृत्त होने पर समारोह का आयोजन किया गया था जिस को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त जज ने कहा कि यदि मैं शिक्षक होता तो मैं अपने छात्रों को वह सिखाता, जिससे वह समाज के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर देश और समाज की सेवा करते। यह बातें सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा। जो कोई मामूली पद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जज के द्वारा देश के राष्ट्रपति को पद दिलाया जाता है। ऐसे जज ने अपने पद से भी ज्यादा बढ़ा शिक्षक के पद को कहा, जो शिक्षकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। पूर्व सांसद अन्नू टंडन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया कार्यक्ररम में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार पूर्व सांसद अन्नू टंडन सहित बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षक अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।