scriptशिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने कहा विधायिका में गिरावट चिंतनीय | Teacher MLA Rajbahadur Singh Chandel said the fall in the legislature | Patrika News

शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने कहा विधायिका में गिरावट चिंतनीय

locationउन्नावPublished: Sep 04, 2018 09:01:27 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

शिक्षक के पद को सभी पदों सबसे बड़ा कहते हुए कहा कि शिक्षक को यूं ही राष्ट्र का निर्माता ने कहा जाता है

शिक्षक के पद को सभी पदों सबसे बड़ा कहते हुए कहा कि शिक्षक को यूं ही राष्ट्र का निर्माता ने कहा जाता है

शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने कहा विधायिका में गिरावट चिंतनीय

उन्नाव. आजादी की लड़ाई लड़ने वालों ने कभी भी यह नहीं सोचा था कि उन्हें सत्ता का सुख चाहिए और यह यह सोच आजादी के बाद काफी दिनों तक रहा। लेकिन समय बीतने के साथ धीरे धीरे इसमें गिरावट का दौर शुरू हुआ। उस पर चिंता करने की आवश्यकता है। निराला प्रेक्षागृह में आयोजित सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान संवैधानिक व्यवस्थाओं और संविधान के प्रमुख स्तंभों पर स्थापित है। लोकतंत्र की स्थापना तीन स्तंभों पर टिकी है। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। परंतु आज विधायिका की स्थिति के विषय में सोच कर उन्हें अफसोस होता है।

आज के विधायक समाज से दूर

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने उस जमाने के, उस पीढ़ी के विधायकों को भी देखा है और आज के पीढ़ी के विधायकों को भी देख रहे हैं। समाज को अपने विधायकों से काफी अपेक्षाएं होती थी। विधायकों को भी समाज के प्रति दर्द था। उनके साथ कदमताल करते हुए चलते थे। अधिकारियों के पास पहुंच कर उनकी समस्याओं का समाधान कराते थे। वह दौर भी देखा है। लेकिन आज विधायकों में यह सब नहीं दिखाई पड़ता है। शिक्षक विधायक ने कहा कि पहले थोड़े-थोड़े संसाधनों से लोग चुनाव लड़ते थे और उनमें आम लोगों के प्रति सेवा का भाव और संकल्प होता था। परंतु आज इसका अभाव है। पांचवी बार शिक्षक विधायक बने राजबहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि शिक्षकों का समाज के प्रति क्या दायित्व हैं, शिक्षक समाज को क्या दे सकता है और कैसे समाज का पुनर्निर्माण कर सकता है। इस दिशा में कार्य करना चाहिए। यह सच्चाई है कि शिक्षक को यूंही राष्ट्र का निर्माता नहीं कहा गया है।

सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज ने कहा था शिक्षक का पद सबसे बड़ा

इस मौके पर उन्होंने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज की सेवानिवृत्त होने पर समारोह का आयोजन किया गया था जिस को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त जज ने कहा कि यदि मैं शिक्षक होता तो मैं अपने छात्रों को वह सिखाता, जिससे वह समाज के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर देश और समाज की सेवा करते। यह बातें सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा। जो कोई मामूली पद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जज के द्वारा देश के राष्ट्रपति को पद दिलाया जाता है। ऐसे जज ने अपने पद से भी ज्यादा बढ़ा शिक्षक के पद को कहा, जो शिक्षकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। पूर्व सांसद अन्नू टंडन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया कार्यक्ररम में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार पूर्व सांसद अन्नू टंडन सहित बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षक अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो