उन्नाव. गांधी विचार पदयात्रा का जनपद सीमा में भव्य स्वागत किया गया। यह पद यात्रा विगत 2 अक्टूबर को बदायूं से शुरू हुई थी जो महाराष्ट्र के वर्धा सेवाग्राम में स्थित बिनोवा भावे के समाधि स्थल पर संपन्न होगी। इसके पूर्व यह यात्रा गांधी के विचारों के प्रति लोगों में जन जागरूकता बढ़ाई गई। इसके लिए रास्ते में विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद के अंदर भी पद यात्रियों का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
महात्मा गांधी के 150 मी जयंती पर गांधी के विचारों के प्रति जागरूक करने के लिए निकाली गई पदयात्रा पदयात्रा का संचालन कर रहे सर्वोदय मंडल के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह का स्वागत शहर के गांधी चौक स्थित गॉधी प्रतिमा के समक्ष जिला सर्वोदय मंडल के सदस्यों व तमाम गणमान्य नागरिकों द्वारा किया गया। सर्वोदय मंडल के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह ने अपने उद्बोधन के दौरान सबको पदयात्रा में सफल योगदान देने का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पदयात्रा महात्मा गांधी विचारों को प्रेरित करने वाली है। उन्होंने परम पूज्य महात्मा गांधी जी के 150वीं पवित्र पूण्य जन्म महोत्सव को वर्तमान समय में सफलतापूर्वक चरितार्थ अथवा सफल बनाने के लिए पदयात्रा का संकल्प लिया गया है।
महत्वपूर्ण कार्य में अवसर मिला सुखद पद-यात्रा में जनपद स्तरीय अहम भूमिका निभा रहे संजय वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सत्य, अहिंसा, करुणा की मूर्ति भगवान सिंह व उनका साथ दे रहे प्रेम शंकर मिश्रा बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य के लिए आगे आए है। उनका योगदान देने का अवसर मिलना हमारे लिए सुखद है। भगवान सिंह व प्रेम शंकर मिश्र ने कहा कि पद यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की थकान य थकावट महसूस नहीं हो रही है। आज की यात्रा बेहद आसान रही। उन्होंने कहा कि रास्ते भर हम सर्वोदय जगत के उत्थान और संघर्षों को लेकर चर्चा करते रहे और इस प्रकार से मुझे पदयात्रा की छोटी सी दूरी तय करने का लाभ मिला। जो स्वर्गानुभूति जैसा प्रतीत हुआ।
परस्पर भाईचारा, विश्व बंधुत्व की भावना के लिए है पदयात्रा मयंक आलोक ने कहा कि भगवान सिंह व प्रेम शंकर मिश्रा के विचार लोकनीति, ग्राम स्वराज्य, सर्वधर्म सद्भाव, प्रेम से हरिदर्शन, परस्पर भाईचारा विश्व बंधुत्व की भावना आदि महान सार्वभौम सद्गुण की सार्वभौम सद्गुण की सद् रूपी महान मूल्यों की पूर्ण जागरण हेतु है। उनका इस पदयात्रा का निकालना ही इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने पदयात्रा के विषय में बताते हुए कहा कि यह पद-यात्रा विगत माह 2 अक्टूबर को गांधी ग्राउंड बदायूं उत्तर प्रदेश से प्रारंभ हुई थी। यह पदयात्रा आगामी 30 जनवरी 2019 को तक सेवाग्राम में स्थित विनोबा के समाधि स्थल पवनार आश्रम, वर्धा महाराष्ट्र में पूर्ण होगी।
यात्रा मार्ग में भेंट की और साथ चलने का लिया संकल्प कहां है प्रेम शंकर मिश्रा ने कहा कि चौबारी घाट बरेली के लक्कड़ बाबा के आश्रम गौशाला में उनकी भगवान सिंह से भेंट हुई। भेंट वार्ता में गांधी-विनोबा के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने जनसमुदाय के समक्ष्य संकल्प लिया कि वे भगवान सिंह के इस संकल्पित पदयात्रा के सहभागी बनेंगे। मूलतः बेनीपुर चौधरी ग्राम निगला में निवास करने वाले प्रेम शंकर मिश्रा गांधी विचारों से ओतप्रोत हो पदयात्रा के सभी पड़ावों के मध्य ओजवान दिखे।
विचार गोष्ठी का किया गया आयोजन पदयात्रा हरदोई के मल्लावां होते हुए गंज मुरादाबाद पहुंची। जहां सैयद हसन ने पद यात्रियों का स्वागत किया। इसी क्रम में बांगरमऊ में रियाजुल, काली मिट्टी के दारापुर गांव में लाल सिंह, सफीपुर में गड्डू मिश्रा, चकलवंशी में सरोज सिंह, थाना में अभय सिंह, रघुराज सिंह मगन, संजीव, मयंक आलोक ने पद यात्रियों का स्वागत किया। पदयात्रा सहजनी होते हुए शुक्लागंज गांधी प्रतिमा पहुंची। जहां पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर दीन मोहम्मद, रामकिशोर पाल, पुत्ती लाल वर्मा, राधा किशन गुप्ता, शरीफ खान, शाहिद अली, राज नारायण अवस्थी, इमरान, शाहिद हुसैन, जीमल, इरफान, रिजवान, नफीस, आमिर सहित कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर रघुराज सिंह मगन, गिरजेश पांडे, दिनेश उन्नावी, शिवबालक, राम सरोज, अनुपम, अभिमन्यु सिंह एडवोकेट, राम सजीवन, सीताराम गुप्ता, शोभा, महेश, रमेश कुमार गौतम, मजहर हुसैन, कपिल सहित बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।
प्रसंगवश नगर से मगरवारा की पद-यात्रा के दौरान लक्कड़ बाबा मंदिर के समीप से गुजरते समय प्रेम शंकर मिश्र को पद-यात्रा प्रारंभ के दिवस की याद ताजा हो गई। उन्होंने बताया कि जिला बदायूं में भी लक्कड़ बाबा आश्रम है। जहां उनकी मुलाकात भगवान सिंह से हुई और बातचीत के दौरान उन्होंने संकल्प लिया कि भगवान सिंह की पदयात्रा के अंतिम पड़ाव तक साथ देंगे। इस दौरान पद यात्रियों ने गोकुल बाबा में भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए।