सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास वहीं दूसरी तरफ शव कब्र से निकालने और पुलिस अधीक्षक के साथ शहर काजी के आने की खबर सुनते ही प्रमुख गवाह यूनुस खान के परिजन गांव छोड़कर बाहर निकल आए और मुख्यमंत्री योगी आ लखनऊ पहुंच गए। जहां मुख्यमंत्री आवास पर उन्होंने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। तभी मौके पर पहुंची हजरतगंज पुलिस सभी को लेकर थाने आ गई। इधर कब्र से यूनुस के शव को निकालने का काम मुस्लिम शहर काजी की देख-रेख में किया गया। परिजनों की अनुपस्थित में शव का पोस्टमार्टम हुआ। इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस में शहर काजी मौजूद रहे।
परिजनों ने नहीं दी अनुमति कब्र से शव निकालने को लेकर गहमागहमी बनी रही। वहीं इससे पहले शव को कब्र से निकालने से पहले दिन में जिले के तमाम आलाधिकारियों ने यूनुस के परिजनों से मुलाकात की और उनसे पोस्टमार्टम के लिए शव निकालने की अनुमति मांगी। लेकिन यूनुस के परिजन इसका विरोध करते रहे। प्रशासनिक अमले के सामने यूनुस के परिजन खड़े हो गए। इस दौरान यूनुस के भाई जान मोहम्मद का कहना था कि प्रशासन हम लोगों पर जबरन दबाव बना रहा है। हम नहीं चाहते कि यूनुस का शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया जाए। जान मोहम्मद ने कहा कि ऐसा करना यह शरीयत के खिलाफ है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अमला मृतक परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहा था कि उनके सामने कानूनी मजबूरी है।
पीड़ित के चाचा ने की थी मांग उन्नाव दुष्कर्म मामले में दुष्कर्म पीड़िता के पिता के खिलाफ हुई मारपीट की घटना का चश्मदीद गवाह यूनुस पुत्र नन्हे निवासी माखी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी सबीना खातून इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर अपने पति यूनुस की बीमारी का दस्तावेज भी प्रस्तुत किया। सबीना खातून के द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के आधार पर जिला प्रशासन यूनुस खान की मौत का कारण बीमारी मानकर चल रही है और इसी तरह की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को भी दी। जो चलते-चलते सीबीआई तक पहुंची।
सीबीआई का था अहम गवाह दुष्कर्म पीड़ित लड़की के चाचा ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर मृतक यूनुस खान के शव का पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की। उन्होंने यूनुस खान की मौत को साजिश करार दिया। उन्होंने मौत के पीछे भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ बताया। मामले में सीबीआई ने भी संज्ञान में लिया और उन्होंने डीजीपी से पूछताछ की। उत्तर प्रदेश पुलिस मामला सत्ता पक्ष के विधायक से जुड़ा होने के कारण बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इस मामले में माखी थानाध्यक्ष और दरोगा सहित आधा दर्जन निलंबन की मार झेल रहे हैं और जेल के शिकंजे में है। ऐसे में पुलिस प्रशासन किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहता है। उन्होंने यूनुस खान के शव को पोस्टमार्टम कराने का निर्देश मिलने के बाद शव को निकालने की कार्रवाई शुरू की। आपको बता दें कि उन्नाव गैंगरेप और हत्या मामले के एक गवाह की 23 अगस्त को कथित तौर पर बीमारी से मौत हो गई । यूनुस कथित बलात्कार पीड़िता के पिता को आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और दूसरे लोगों द्वारा पीटे जाने का गवाह था।