लड़की का चाचा हुआ गायब गायब सदस्य पीड़ित परिवार का चाचा है और जिसने दुष्कर्म पीड़िता के पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसे दुष्कर्म पीड़ित पक्ष जबरन तहरीर दिलाए जाने की बात कर रहा है। मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपे जाने के बाद अब तक दोनों पक्षों के साथ लंबी पूछताछ हो चुकी है। घटनास्थल पर पूरे घटनाक्रम का नाटकीय रूपांतरण करवाकर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बिंदुवार पूरे मामले की जांच की। केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम की जांच की गति यह बताने को पर्याप्त है कि मामला कितना गंभीर और संवेदनशील है।
गायब सदस्य ने दर्ज कराया था मृतक के खिलाफ मुकदमा देश प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुके उन्नाव दुष्कर्म मामले में दुष्कर्म पीड़ित पक्ष ने एक और तहरीर थाने में दी है। माखी थाना क्षेत्र के माखी गांव निवासी
भूपेंद्र सिंह ने थाने में लिखित सूचना देकर अपने भाई टिंकू सिंह की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया है। इसके पूर्व दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने टिंकू सिंह के लापता होने की खबर मीडिया में बताई गई थी। टिंकू सिंह वह व्यक्ति है जिसने दुष्कर्म पीड़िता के पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया था और पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जहां जिला कारागार में रहते हुए उसकी जिला अस्पताल में विगत 9 अप्रैल को मौत हो गई थी। पीड़ित परिजन द्वारा टिंकू सिंह के तहरीर को फर्जी बताया जा रहा है। उनका कहना है कि तहरीर में लिखावट टिंकू सिंह की नहीं है।
स्कूल सर्टिफिकेट के साथ ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की भी होगी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम दुष्कर्म पीड़िता के चाचा द्वारा की गई शिकायतों का विवरण भी ले चुकी है। गौरतलब है कि घटना के बाद दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने मुख्यमंत्री से लेकर अन्य अधिकारियों की चौखट पर हाजिरी लगाई थी। इसके साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम द्वारा दुष्कर्म पीड़िता और अन्य आरोपियों के बीच की बातचीत की वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी जांच करने की चर्चा है। साथ ही दुष्कर्म पीड़िता की आयु संबंधी विवादों को
ध्यान में रखते हुए स्कूल सर्टिफिकेट की मूल कॉपी को भी ले चुकी है। जिस पर भी जांच करने की चर्चा है।
खुलवाए गए खाते इधर जिला प्रशासन ने दुष्कर्म पीड़िता को आर्थिक मदद पहुंचाने की दृष्टिकोण से आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखा में खाता खुलवाने के निर्देश दिए। सीबीआई ने दोनों के अलग-अलग अकाउंट खुलवाने के निर्देश दिए थे। जिसे देखते हुए आर्यावर्त ग्रामीण बैंक ने दोनों के खाते खोल दिए। गौरतलब है शासन द्वारा किसान दुर्घटना बीमा के द्वारा मदद दी जाती है और प्रशासन उक्त योजना के साथ अन्य योजनाओं के लाभ दिलाने का प्रयास कर रही है। जिसके लिए यह खाता खुलवाया गया है।