उन्नाव

इस लोकसभा सीट पर उम्मीदों पर खरे न उतरने वाले प्रत्याशियों को सबक सिखाती है जनता

उन्नाव से लोकसभा चुनाव जीतने पर जिन नेताओं ने चुनावी वादे पूरे नहीं किए, मतदाताओं ने उन्हें हराने का काम किया है।

उन्नावMar 26, 2019 / 05:40 pm

Neeraj Patel

इस लोकसभा सीट पर उम्मीदों पर खरे न उतरने वाले प्रत्याशियों को सबक सिखाती है जनता

उन्नाव. जिले के मतदाताओं ने राजनीति के मैदान में बड़े-बड़े राजनेताओं को पटखनी देकर धूल चटाई है। खासकर जिन नेताओं ने चुनावी वादे पूरे नहीं किए, मतदाताओं ने उन्हें हराने का काम किया है। साहित्यिक नगरी उन्नाव के मतदाताओं ने अगर अपना मन लिया तो किसी पार्टी का कोई उम्मीदवार कितनी भी कोशिश की हो उसे संसद के दरवाजे तक नहीं पहुंचने दिया। 1977 से 2014 तक हुए 10 लोक सभा चुनाव में जितने भी प्रत्याशियों को जीत मिली, उन सबको बुरी तरह से हार का सामना भी पड़ा। अब इस साल 2019 में लोक सभा इलेक्शन को लेकर फिर से सभी दलों में सियासी जंग छिड़ी हुई है। सभी दलों के लोग हर तरीके से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं और मतदाताओं को अपना मत देने के लिए जागरुक कर रहे हैं।

उन्नाव लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा नौ बार कांग्रेस को जीत मिली है। चार बार भारतीय जनता पार्टी और एक-एक बार सपा-बसपा प्रत्याशी संसद पहुंचे हैं। भाजपा के देवी बक्श सिंह इस सीट से लगातार तीन बार सांसद चुने गये। कांग्रेस के जिया-उर-रहमान को भी जनता ने तीन बार जिताने का काम किया है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के साक्षी महाराज यहां से सांसद हैं। इस बार भी उन्हें टिकट मिला है।

2014 का चुनाव परिणाम

भाजपा के साक्षी महाराज ने भारी मतों से जीत हासिल की। उन्हें 43.2 प्रतिशत वोट मिले। समाजवादी पार्टी से अरुण शंकर शुक्ला 16.7 प्रतिशत वोट पाकर दूसरे नम्बर पर रहे। बसपा के बृजेश पाठक को 16.7 प्रतिशत वोट मिले और कांगेस से अन्नू टण्डन को 16.4 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए।

कब कौन जीता

1952, 57 – विश्वंभर दयाल त्रिपाठी, कांग्रेस
1960 – लीला धर अस्थाना, कांग्रेस
1962, 67 – कृष्णा देव त्रिपाठी, कांग्रेस
1971, 80, 84 – जियाउर्रहमान अंसारी, कांग्रेस
1977 – राघवेंद्र सिंह, जनता पार्टी
1989 – अनवर अहमद, जनता दल
1991, 96, 98 – देवी बक्स सिंह, भाजपा
1999 – दीपक कुमार, समाजवादी पार्टी
2004 – ब्रजेश पाठक, बीएसपी
2009 – अन्नू टंडन, कांग्रेस
2014 – साक्षी महाराज, भाजपा

प्रमुख समस्याएं

किसानों और छुट्टा जानवरों की समस्या

बेरोजगारी का मुद्दा

बिजली की समस्या

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