इस मौके पर एनसीसी कैडेट्स इंचार्ज कुलदीप ने बताया कि 23 मार्च 1931 देश के तीन सपूतों को फांसी दी गई थी। अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। हम लोग भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को वापस नहीं ला सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 23 मार्च को हम लोग भूल गए थे कि किस प्रकार अंग्रेजों ने तीनों को फांसी दी थी। अंग्रेजों द्वारा दी गई फांसी को काल्पनिक रूप से आज प्रदर्शित किया गया है। एनसीसी कैडेट्स ने इसका मंचन किया।
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एनसीसी 57 बटालियन ने किया मंथन
एनसीसी 57 बटालियन की तरफ से कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस संबंध में भगत सिंह बने कैडेट्स अंकुश ने बताया कि हम लोगों के मन में भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु के प्रति भाव पैदा करना चाहते हैं। ताकि लोग उनके बलिदान को ना भूलें।