शुरू से पीड़ित परिवार मामला दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग कर रहा है
दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने बताया कि वह अपना घर परिवार और व्यापार छोड़कर गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि अगर इन सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए तो उनकी सुरक्षा भी हो जाएगी और उनका निजी व्यवसाय भी चलता रहेगा। इस संबंध में दुष्कर्म पीड़िता के चाचा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डालने की बात कह रहे हैं। दुष्कर्म पीड़िता के चाचा का कहना है कि उन्नाव में चल रहा है पाक्सो कोर्ट के मुकदमे सहित अन्य सभी मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाएंगे। गौरतलब है सीबीआई दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों की बारी बारी से लखनऊ की सीबीआई अदालत में कलमबंद बयान ले रही है। जिसके लिए सीबीआई लगातार उन्नाव आ रही है। इसके साथ ही डॉक्टरों से भी पूछताछ की जा रही है।
विगत सप्ताह सीबीआई पहुंच चुकी है जिला अस्पताल
विगत सप्ताह सीबीआई अस्पताल मैं अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है और अभिलेखों का निरीक्षण भी किया। गौरतलब है लापरवाही बरतने के आरोप में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डीके द्विवेदी और डॉक्टर प्रशांत को शासन पहले ही निलंबित कर चुका है। इसके साथ ही कई और डॉक्टर सीबीआई के रडार पर हैं। जिसमें घर दुष्कर्म पीड़िता के पिता का उपचार करने वालेडॉक्टर मनोज सिंह डॉ जे पी सचान भी शामिल है। जिन्होंने पुलिस के कहने पर घायल को जिला अस्पताल से जिला कारागार रिफर किया था। इसके साथ ही दुष्कर्म पीड़िता के पिता का जिला कारागार में उपचार करनेे वाले डॉ आलोक पांडे, डॉ एस एन गुप्ता के साथ डॉक्टर गौरव व पोस्टमार्टम करने वाले 3 डॉक्टरों के पैनल भी सीबीआई की पूछताछ के दायरे में है। जिससे डॉक्टरों में खलबली मची है।