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उन्नाव गैंगरेप मामला: पीड़िता व उसकी मां की हो सकती है गिरफ्तारी, अदालत के आदेश के बाद हुई यह कार्रवाई

locationउन्नावPublished: Dec 26, 2018 10:57:51 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

अदालत के आदेश के बाद दुष्कर्म पीड़िता के चाचा, उसकी मां व स्वयं दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी अभिलेखों से छेड़छाड़ आदि मामले का अभियोग पंजीकृत किया गया।

Kuldeep Singh

Kuldeep Singh

उन्नाव. उन्नाव रेप मामले में बुधवार को नया मोड़ आ गया है। अदालत के आदेश के बाद दुष्कर्म पीड़िता के चाचा, उसकी मां व स्वयं दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी अभिलेखों से छेड़छाड़ आदि मामले का अभियोग पंजीकृत किया गया है। माखी थाना में दर्ज हुए मुकदमे के बाद बहुचर्चित उन्नाव रेप मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया। इसके पहले भी दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को सरकारी अभिलेखों से छेड़छाड़ करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
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गिरफ्तारी की तलवार लटकी-

मामला आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़ा होने के कारण एक बार फिर गहमागहमी बड़ गई है। दुष्कर्म पीड़िता की उम्र को लेकर एक बड़ा निर्णय सामने आया है। जेल में बंद सहअभियुक्ता के पुत्र नवीन सिंह ने माखी थाना सहित पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर दुष्कर्म पीड़िता की उम्र के प्रमाण पत्र पर सवालिया निशान लगाते हुए अभियोग पंजीकृत कराने की मांग की थी, लेकिन उसकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद नवीन सिंह ने अदालत की शरण ली और वहां पर अपनी बात रखी। सिविल कोर्ट सीनियर डिविजन एफटीसी ने मामले की गंभीरता से सुनवाई की और आदेश दिया। अदालत के आदेश से माखी थाना में दुष्कर्म पीड़िता के चाचा, मां और स्वयं दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ आईपीसी की धारा 419/ 420/ 467/ 468/ 471 जैसी संगीन धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है।
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एबीएसए बीएसए सहित अन्य संबंधित ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर से किया इंकार-
अपनी तहरीर में नवीन सिंह ने बताया है कि दुष्कर्म पीड़िता द्वारा पॉस्को अदालत में दिए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी प्रमाणित किया गया है। संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य, प्रबंधक, एबीएसए और बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर अपने हस्ताक्षर व मोहर से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि फर्जी मोहर और सिग्नेचर के माध्यम से कूट रचित तरीके से स्थानांतरण प्रमाण पत्र तैयार किया गया है। अदालत ने सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुनाया। जिसके आधार पर 156 (3) के अंतर्गत माखी थाना पुलिस ने अभियोग पंजीकृत किया है। इसके बाद दुष्कर्म पीड़िता और उसकी मां की गिरफ्तारी पर तलवार लटकने लगी है।
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