मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में रखी अपनी समस्याएं
इस मौके पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्टेट को दिया। अपने ज्ञापन में उन्होंने कहां है कि बेसिक मैं कार्य कर रहे 16 – 17 हजार शिक्षामित्रों का मानदेय अतिशीघ्र खाते में भिजवाया जाए। मानदेय ना मिलने के कारण पूरा परिवार भुखमरी की कगार पर है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र 1999 से कार्यरत है। एनसीटीई के पैरा 4 में संशोधन कर टीईटी से छूट दिलाई जाए। भारत सरकार द्वारा विगत 9 अगस्त 17 को न्यूनतम मानदेय निर्धारित किया गया है। जिससे हमारे शिक्षक बनने तक लागू रखा जाए। विकल्प के रूप में उन्हें उनके मूल विद्यालय में प्रत्य स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि विगत 17 वर्षों से वह लगातार शिक्षण कार्य के साथ शासन द्वारा दिए जा रहे अन्य कार्यों मैं भी सहयोग कर रहे हैं। इसके बाद भी भाजपा सरकार उनके लोगों के साथ भेदभाव कर रही। उन्होंने शिक्षकों का सम्मान वापस दिलाने की मांग। इस मौके पर कुलदीप शुक्ला, दीप नारायण त्रिपाठी, अश्विनी कुमार, अनिल रावत, भीम शंकर, चंद्रेश कुमार, रीता कुशवाहा, सन्नो तिवारी, रजनी पाल सहित काफी संख्या में शिक्षक मौजूद थे