एमआईएस मैनेजर ने दी जानकारी
इस संबंध में बातचीत करने पर मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (MIS) प्रभारी ने शशीकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास योजना के अंतर्गत राज्य इकाई लखनऊ द्वारा जिला स्तर पर ट्रेनिंग की जिम्मेदारी जिले में DPU को देता है। जिसे जनपद में फ्रेंचाइजी देने का अधिकार नहीं है। शर्तों के अनुसार उत्तर प्रदेश कौशल विकास योजना की ट्रेनिंग DPU को स्वयं देना पड़ता है। जिसके खिलाफ जाकर उसने सेंटर संचालकों से संपर्क किया और उत्तर प्रदेश कौशल विकास द्वारा चलाई जा रही योजना का प्रशिक्षण दिलाया गया। तकनीकी रूप से जनपद डीपीयू ने कंप्यूटर संचालकों को धोखे में रखकर यह कार्य कराया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जनपद के विभिन्न कंप्यूटर सेंटर में कराई गई थी ट्रेनिंग
विनोद कुमार गुप्ता ने अपने शिकायती पत्र में बताया है कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत आईसीटी ट्रेड के अकाउंट असिस्टेंट यूजिंग विद टैली का 600 घंटे का कोर्स कराया था। 6 बैच में 162 बच्चों की ट्रेनिंग हुई थी। इसी प्रकार मोहम्मद मुफीस ने बताया कि उनके सेंटर में 216 बच्चों को फ्रंट ऑफिस एसोसिएट कोर्स व वेब डिजाइनिंग एंड पब्लिकेशन असिस्टेंट कोर्स, अभय सिंह भदौरिया के सेंटर में 324 बच्चों, अभिषेक कुमार गुप्ता के सेंटर में ने 216 छात्र छात्राओं को को ट्रेनिंग दिलाई थी। कंप्यूटर संचालक विनोद कुमार गुप्ता, मुफीस, अभय सिंह भदौरिया, अभिषेक कुमार गुप्ता ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देखकर छात्र छात्राओं को दिए गए प्रशिक्षण का शुल्क दिलाने की मांग की है।