भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता के चाचा चर्चा में आ गया। जिसके खिलाफ जनपद के थानों में कई मुकदमा पंजीकृत है। जिसमें आईपीसी की धारा 307 में लगभग 17 वर्षों से फरार रहा। विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद चर्चा में आया चाचा की बंद पड़ी फाइल खुली और मुखबिर की सूचना पर चाचा को दिल्ली से गिरफ्तार करके लाया गया जिसके बाद से लगातार चल रही फास्टट्रैक की सुनवाई में कई उतार-चढ़ाव आए अंतता चाचा पर दोष सिद्ध हुआ और फास्ट ट्रेक कोर्ट न्यायाधीश प्रहलाद टंडन ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद अपने 62 पन्नों के निर्णय में चाचा को दोषी करार दिया और 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही ₹5000 का जुर्माना भी लगाया गया। आईपीसी की धारा 506 के अंतर्गत भी चाचा को दोषी करार दिया गया। जिसमें 1 साल की सजा सुनाई। चाचा के अधिवक्ता अजय अवस्थी ने बताया कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। उन्होंने बताया कि निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी