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विधानसभा अध्यक्ष ने पत्र लिख दी जानकारीविधानसभा अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि बक्सर के तट पर अंत्येष्टि की बहुत ही पुरानी परंपरा है। जहां तीन प्रकार से अंत्येष्टि की जाती है। जिसमें अग्निदाह, भूमि को समर्पित या जल में प्रवाहित करना शामिल है। ऐसे जिनकी उम्र कम होती है या फिर अविवाहित कन्या को भूमि समर्पित या जल में प्रवाहित करने की परंपरा है। 5 – 10 साल पूर्व गंगाजल को निर्मल बनाने के लिए जल में प्रवाह करने पर रोक लगा दी गई थी। अब जबकि सरकार ने यह निर्णय लिया है गरीब या अभाव में रहने वाले लोगों के मृतक के शव का अंतिम संस्कार का खर्च सरकार उठाएगी से इस प्रकार के लोगों को राहत मिलेगी।