एक से अधिक व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से
यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक इंसान के साथ यौन संबंध बनाता है तो उसे सुरक्षित माना जाता है। यौन संबंधों से होने वाले इंफेक्शन से बचने के लिए, सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे एड्स होने की संभावना कम होती है।
संक्रमित सिरिंज और सूई के दोबारा प्रयोग से
इंजेक्शन के जरिए नशा करने वाले लोग आम तौर पर समूह में एक ही सुई का इस्तेमाल करते हैं। संक्रमित सीरिंज के साथ-साथ खून भी एक से दूसरे में गुजरता है। इस वजह से ऐसे समूह में सभी लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए जाते हैं।
संक्रमित मां से शिशु का जन्म
मां अगर एड्स से ग्रस्त है तो जन्म लेने वाला शिशु भी काफी कमजोर होता है। मां और बच्चे को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। डर इस बात का रहता है कि शिशु भी इस एचआईवी वायरस से संक्रमित न हो जाए। अगर शिशु जन्म के समय संक्रमित हो जाता है, तो उसमे स्तनपान के लिए भी क्षमता नहीं होती है। ऐसे बच्चों को सांस की तकलीफ भी हो सकती है।
संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से
पहले से HIV संक्रमित व्यक्ति अगर अपना कोई अंग डोनेट करता है तो ऐसे में सामने वाला व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के समय यह ध्यान रखा जाता है कि जिस व्यक्ति से हम कोई ऑर्गन ले रहे हैं वो संक्रमित नहीं होना चाहिए। बिना मेडिकल जांच करवाए कभी किसी व्यक्ति का ब्लड भी नहीं लेना चाहिए।
संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्पर्क से
यदि कोई व्यक्ति किसी यौन रोग से संक्रमित व्यक्ति के साथ संबंध बनाता है उसे एसटीडी यानी Sexually Transmitted Diseases हो सकती है। इससे एड्स की बीमारी भी हो सकती है।
Adarsh Shivam
आदर्श शिवम् मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं। दो साल से ज्यादा डिजिटल कंटेंट बिजनेस पर काम। हाईपरलोकल कंटेंट, सिनेमा से अधिक लगाव। पत्रिका समूह में एंटरटेनमेंट बीट पर कार्यरत।