बयान पर अधिवक्ताओं फूटा गुस्सा केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरण रिजिजु ने एक खेल कार्यक्रम में आगरा में हाईकोर्ट की बेंच बनाने को लेकर बयान दिया था। इस बयान के बाद से ही हाईकोर्ट के वकीलों में आक्रोश है। हाईकोर्ट के वकीलों ने उनके बयान को गैर जिम्मेदाराना व संविधान विरोधी बताया है। वकीलों ने कहा है कि जसवंत सिंह कमीशन के आधार पर केंद्रीय कानून मंत्री ने बयान दिया है। लेकिन वह रिपोर्ट उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अब निरर्थक हो चुकी है। वकीलों ने कहा है कि न्यायालयों में 30 फीसदी पद रिक्त हैं। वादकारियों को त्वरित न्याय के लिए हाईकोर्ट और निचली अदालतों में रिक्त पदों को भरा जाना बेहद जरूरी है। ऐसे में यह विघटनकारी कदम देश की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था पर गलत असर डालेगी। आगरा या मेरठ में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने से किसी न्यायिक समस्या का समाधान नहीं होगा। यह केवल संविधान की व्यवस्था के साथ खिलवाड़ और राजनीतिक दिवालियापन होगा।
अधिवक्ताओं ने कहा है कि संविधान की व्यवस्था के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की चार खंडपीठ का गठन इससे कहीं ज्यादा जरूरी है। इस मामले में हाईकोर्ट बार एशोसिएशन की निवर्तमान कार्यकारिणी ने आज एक आपात बैठक भी बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।