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स्वास्थ्य विभाग-पीएसआई इंडिया संवाद: सीएमओ बोले निजी क्षेत्र परिवार नियोजन कार्यक्रम में निभाएं अहम भूमिका

परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूत बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्था द चैलेंज इनिशिएटिव - पीएसआई इंडिया के सहयोग से मंगलवार को एक संवाद बैठक का आयोजन किया गया।

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बरेली। परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूत बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्था द चैलेंज इनिशिएटिव - पीएसआई इंडिया के सहयोग से मंगलवार को एक संवाद बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में 60 निजी अस्पतालों ने हिस्सा लिया। इस बैठक की अध्यक्षता सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने की। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल परिवार नियोजन सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सीएमओ ने अस्पतालों से अपील की कि वे परिवार नियोजन सेवाओं को सुदृढ़ बनाएं और इनकी रिपोर्टिंग नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग से साझा करें। उन्होंने कहा कि सटीक डेटा मिलने से नीतियां बनाने में मदद मिलेगी और जिले में परिवार नियोजन के सूचकांक में सुधार होगा।

परिवार नियोजन सेवाओं पर जोर

परिवार नियोजन कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ. अजमेर सिंह ने कहा कि निजी चिकित्सालयों में आईईसी सामग्री (पोस्टर और बैनर) को प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए और काउंसलिंग में इनका उपयोग किया जाए। उन्होंने परिवार कल्याण सेवाओं की जानकारी को एचएमआईएस (हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल पर हर महीने अपलोड करने और रजिस्टर मेंटेन करने पर जोर दिया।

इमरजेंसी पिल्स का सीमित करें उपयोग

पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि अमित बाजपेयी ने बैठक का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रसव पश्चात परिवार नियोजन, क्षमता वृद्धि, और डाटा आधारित निर्णय लेना जैसे तीन उच्च प्रभावी उपाय (हाई इंपैक्ट प्रैक्टिस) अपनाए जाने चाहिए। उन्होंने मोबाइल ऐप्लिकेशन पर अब तक उपलब्ध आंकड़े प्रस्तुत किए। जिला डाटा मैनेजर अनूप ने एचएमआईएस पोर्टल का डेटा साझा किया। निजी नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. लईक अहमद अंसारी ने कहा कि सभी निजी अस्पताल फैमिली प्लानिंग रजिस्टर में डेटा मेंटेन करें और उसे पोर्टल पर अपलोड करें। उन्होंने दंपतियों को जागरूक करते हुए इमरजेंसी पिल्स का सीमित उपयोग करने का सुझाव दिया।

परिवार नियोजन साधनों की जानकारी

सीएमओ ने कहा कि बच्चे न चाहने वाले दंपतियों को आईयूसीडी, कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, छाया टैबलेट, और माला-एन जैसे साधनों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जानी चाहिए। साथ ही, प्रसव पश्चात महिला नसबंदी (PPIUCD), साप्ताहिक सेंटक्रोमन गोली, और प्रोजेस्ट्रोन पिल्स का प्रचार-प्रसार निजी अस्पतालों के माध्यम से किया जाना चाहिए।

उत्कृष्ट सेवाओं के लिए चिकित्सकों का सम्मान

बैठक में बेहतर सेवाएं देने और समय पर रिपोर्टिंग करने के लिए डॉ. कोमल कक्कड़ (राजरानी अस्पताल), डॉ. प्रतिमा अजय (प्रतिमा अस्पताल), डॉ. रिजवाना (ग्लोबल अस्पताल), डॉ. आशु सक्सेना (वरदान अस्पताल) और डॉ. नीरा अग्रवाल (मानस अस्पताल) को पुरस्कृत किया गया।

अन्य विशेषज्ञों के विचार

BOGS अध्यक्ष डॉ. मृदुला शर्मा ने कहा कि परिवार नियोजन मातृ मृत्यु दर को कम करने का एक प्रभावी साधन है। BOGS सचिव डॉ. गायत्री सिंह ने परिवार नियोजन के तीन उच्च प्रभावी हस्तक्षेपों को अपनाने की अपील की। IMA अध्यक्ष डॉ. आर.के. सिंह ने सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आईएमए और बीओजीएस के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। शहरी नोडल अधिकारी डॉ. अजमेर सिंह ने रिपोर्टिंग की गुणवत्ता बनाए रखने और शून्य रिपोर्ट न देने पर जोर दिया।

सम्मानित प्रतिभागी और कार्यक्रम का समापन

इस बैठक में पीएसआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर अमित बाजपेयी, मंडल से गंगाशरण, नीतीश, आईएमए सचिव डॉ. रतन पाल सिंह, और FPLMIS कोऑर्डिनेटर कमल सहित स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय टीम एवं 60 से अधिक निजी अस्पतालों के स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ संध्या गंगवार, डॉ रुचि श्रीवास्तव, डॉक्टर पारुल सक्सेना, डॉक्टर शालिनी माहेश्वरी उपस्थित रहीं।