यह कंट्रोल रूम प्राधिकरण के दफ्तर में ही बनाया जायेगा। इसका एस्टीमेट लगभग तैयार है। आंकलन है की इसमें करीब दो करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इसके बन जाने के बाद ग्रेटर नोएडा से जुड़ी तमाम सेवाएं इस कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट (एकीकृत) हो जाएंगी।
सीईओ नरेंद्र भूषण ने दिए निर्देश:
स्मार्ट सिटी ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण दफ्तर का कार्य प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण की निगरानी में तेजी से बढ़ रहा है। इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) के जरिए प्राधिकरण को पेपरलेस बनाया जा रहा है, सभी सेवाएं ऑनलाइन की जा रही हैं। स्ट्रीट लाइट हो या फिर पार्किंग व्यवस्था सभी सेवाओं की जीआईएस (जियोग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम) मैपिंग की जा रही है। कहां पर ग्रीन बेल्ट हैं, कहां पर सार्वजनिक शौचालय है, यह सब जीआईएस मैपिंग का हिस्सा बनते जा रहे हैं, ताकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ऑनलाइन सिस्टम से इन पर पल-पल नजर रख सकें।
हाईटेक होगा कंट्रोल रूम:
कंट्रोल रूम में आठ वीडियो वॉल बनेगी, जहां पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से शहरवासियों को दी जा रही सभी सुविधाओं की अपडेट जानकारी कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी को प्राप्त होती रहेंगी। कहीं से कोई शिकायत आती है तो इस कंट्रोल रूम के द्वारा संबंधित विभाग को तत्काल पहुंचा दी जाएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रेटर नोएडा के पांच प्रवेश द्वार हैं। जिनमे से पहला, नोएडा- ग्रेटर नोएडा से आने पर परी चौक, दूसरा प्रताप विहार (गाजियाबाद) से ग्रेनो वेस्ट में प्रवेश करने पर तिगड़ी गोलचक्कर के पास, तीसरा नोएडा से हिंडन पुल के रास्ते चार मूर्ति गोलचक्कर की तरफ आने पर, चौथा कासना प्रवेश द्वार और पांचवां सूरजपुर एंट्री प्वाइंट हैं।
अब इन सभी प्रवेश द्वारों पर करीब 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए जायेंगे, और सभी को इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का एस्टीमेट तैयार हो गया है। इसे बनाने में करीब दो करोड़ रुपये खर्च आयेगा। इसे बनाने का टेंडर शीघ्र जारी होने जा रहा है, काम शुरू होने के बाद इसे पूरा करने में तीन से चार माह लगेंगे. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेनोवासियों की सहूलियत को देखते हुए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम को प्राथमिकता पर तैयार कराने के निर्देश दिए हैं।