घड़ी के साथ बढ़ रही टेंशन
उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर जैसे-जैसे मतदान का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे प्रत्याशियों की टेंशन भी बढ़ती जा रही हैं। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि इस बार लोकसभा चुनाव में वोटर अपने पत्ते नहीं खोल रहा है। प्रत्याशी और स्टार प्रचारक पूरी जान झोंके हुए हैं लेकिन मतदाता किस ओर जाएगा इसके बारे में वह खुलकर बात नहीं कर रहा। ऐसे में प्रत्याशी घर बैठकर फीडबैक ले रहे हैं और समीकरणों का रिव्यू किया जा रहा है। सारे समीकरण अलग-अलग एंगल से देखे जा रहे हैं। जो समर्थक घर पहुंच रहे हैं उनके कहने पर प्रत्याशी अब फोन पर वोटरों और छुटभैया नेताओं से बात करने में लगे हुए हैं, उन्हें मनाने में लगे हुए हैं। इसके अलावा मतदान की व्यवस्थाऐं की जा रही हैं। प्रशासनिक स्तर पर पोलिग पार्टियों को रवाना किया जा रहा है तो प्रत्याशियों की टीमें बूथों पर बस्तों को भिजवाना और व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं। इसके अलावा मतदाताओं को अधिक से अधिक वोट करने के लिए कैसे प्रेरित करना है इस पर मंथन चल रहा है। अलग-अलग नेताओं और समर्थकों को अलग अलग जिम्मेदारियां दी जा रही हैं और बूथवार लोकसभा क्षेत्र को बांटा जा रहा है।