UP Election 2022: मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव और कांग्रेस MLA नरेश सैनी ने ज्वाइन की भाजपा
उधर, समाजवादी पार्टी भी गानों के जारिए अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं। बंगाल की तर्ज पर ‘खदेड़ा होइबे’ नामक गीतों के जारिए भाजपा की कमियों को बताने का प्रयास किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के ‘खदेड़ा होइबे’ गाने में विजुअल्स का भी ठीक इस्तेमाल किया गया है। इसमें बड़ी-बड़ी जनसभाओं के सीन दर्शाए गए ताकि उन्हें मिलने वाले जनसमर्थन को दिखाया जा सके। गानें में कहा गया है कि जोर जबरदस्ती और तानाशाही नहीं चलेगी। इसके साथ ही महंगाई की मार का भी जिक्र किया गया है।
बसपा भी सुरो के संग्राम में कूद पड़ी है। भीम म्यूजिक की ओर से बनाया गया ‘अबकी बार बहन जी, आ रही फिर से बहन जी’ गीतों पर बसपाई खूब झूम रहे हैं।
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वरिष्ठ राजनीतिक विष्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि चुनाव सियासी दलों का महोत्सव होता है। जनता को लुभाने के लिए राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी तरह-तरह के गीत और नारे लाकर जनता को लुभाने की कोशिश करते हैं। यह प्रक्रिया लोकतंत्रात्मक व्यवस्था में शुरू से जारी है। पहले भी राजनीतिक दल इस तरह के गीत और नारे मंचों और लाउडस्पीकर के माध्यम से किया करते थे। चूंकि कोरोना काल में इस प्रकार के कार्यक्रम पर पबांदी लगी है, इस कारण विभिन्न राजनीतिक दल सोशल मीडिया के माध्यम से गीत और संगीत का सहारा ले रहे है।