scriptKanwar Yatra 2022: एक सप्ताह बाद पटरी पर लौटी जिंदगी, व्यापारियों को 300 करोड़ रुपये का नुकसान | 300 crore loss to Meerut business due to Kanwar Yatra 2022 | Patrika News

Kanwar Yatra 2022: एक सप्ताह बाद पटरी पर लौटी जिंदगी, व्यापारियों को 300 करोड़ रुपये का नुकसान

locationमेरठPublished: Jul 27, 2022 09:57:49 am

Submitted by:

Kamta Tripathi

Kanwar Yatra 2022 कांवड़ यात्रा 2022 के चलते पिछले एक सप्ताह से सभी प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा हुआ था। जहां हाइवे और एक्सप्रेस बंद होने के चलते वाहनों के पहिए थम गए थे। वहीं मेरठ के प्रमुख बाजार में कांवड़ यात्रा की धमक सुनाई दे रही थी। सब्जी मंडी से लेकर एशिया की सबसे बड़ी जूलरी बाजार मेरठ सराफा बाजार में भी इसका असर दिखाई दिया। मेरठ के व्यापार को कांवड़ यात्रा के चलते करीब 300 करोड़ रुपये की चपत लगी है।

Kanwar Yatra 2022: एक सप्ताह बाद पटरी पर लौटी जिंदगी, व्यापारियों को 300 करोड़ रुपये का नुकसान

Kanwar Yatra 2022: एक सप्ताह बाद पटरी पर लौटी जिंदगी, व्यापारियों को 300 करोड़ रुपये का नुकसान

Kanwar Yatra 2022 पिछले एक सप्ताह से मेरठ के प्रमुख बाजार और सड़कों में सन्नाटा छाया हुआ था। कांवड़ यात्रा के चलते बाजार में व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद थी। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते बाजार प्रभावित हुआ था। लेकिन इस बार जुलाई में कांवड़ यात्रा के चलते बाजार प्रभावित हुआ। इसका असर मेरठ के खद्दर व्यापार,गोल्ड मार्केट, स्पोर्टस बाजार,ट्रासपोर्ट बाजार,थोक बाजार और फुटकर बाजार प्रभावित हुआ है। इन सभी को एक सप्ताह में कुल मिलाकर करीब 300 करोड़ का नुकसान हुआ है।
व्यापारियों का कहना है कि पिछले एक दशक से अधिक समय से जुलाई महीने में कांवड़ यात्रा के कारण व्यापारिक गतिविधियां बंद हो जाती हैं। हर साल इसी तरह से कांवड़ यात्रा के चलते व्यापार प्रभावित होता है। पिछले दो साल से व्यापार कोरोना के कारण बंद था। इस बार कोरोना न होने के बावजूद एक सप्ताह से कांवड़ के चलते बंदी का माहौल रहा। मेरठ के प्रमुख ट्रांसपोर्ट कारोबार इस दौरान दवाओं, किताबों और खेलकूद के सामान की आपूर्ति प्रदेश और देश के विभिन्न भागों में मेरठ से होती है। कांवड़ यात्रा के चलते एक सप्ताह से ट्रकों के चक्के जाम हो गए है। मेरठ में प्रतिदिन सवा करोड़ का नुकसान सब्जी, दवाएं और कुछ सामान ऐसे होते हैं जो अगर समय से आपूर्ति नहीं हो तो उसके खराब होने से नुकसान होता है।
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मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा का कहना है कि 21 से 26 जुलाई तक प्रतिदिन सवा करोड़ का नुकसान हो रहा है। प्रशासन की अदूरदर्शिता के चलते ऐसा हो रहा है। कोरोना के चलते पिछले साल में इस दौरान कारोबार नहीं हुआ था। इस बार सभी बड़ी मंडियां, बाजार और होटल रेस्टोरेंट 20 जुलाई से सूने पड़े हुए हैं। मेरठ संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता कहते हैं कि पिछले 12 सालों से मांग की जा रही है कि कांवड़ यात्रा पर विशेष इंतजाम शिव भक्तों के आवागमन के लिए किया जाना चाहिए। जिससे कि इन दिनों में आम जनजीवन प्रभावित न हो सके।
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मेरठ के बड़े सराफा बाजार में सैंपल देखकर आभूषणों के आर्डर देने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से व्यापारी आते हैं। लेकिन जब 19 जुलाई से सड़क मार्ग बंद हुए हैं उसके बाद से बाहर का व्यापारी सराफा बाजार में नहीं आया है। स्थानीय स्तर पर होने वाली गोल्ड की खरीददारी पिछले छह दिन से बंद है। ट्रांसपोर्ट कारोबार इस एक सप्ताह में करीब 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं मंडी थोक मार्केट और फुटकर व्यापार को 150 करोड़ का नुकसान हुआ है। कुल मेरठ के व्यापार को एक सप्ताह में करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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