ऐसे आई राजनीति में प्रियंका के मुताबिक, ”अक्सर घर में पॉलिटिक्स से जुड़े डिस्कशन करते थे। मैं अपने हस्बैंड गौरव माहेश्वरी की बातों से कई बार ऊब जाती थी। एक दिन मैंने उनसे कहा कि मुझे राजनीति से चिढ़ होती है। कहते कुछ हैं, करते कुछ और हैं। इनसे जितना दूर रहो उतना बेहतर। यूथ को बिजनेस पर
ध्यान देना चाहिए।” “उन्हें मेरी बात बुरी लगी। वे बोले, आज तुम पॉलिटिक्स को कोस रही हो, कल को अपने बच्चे भी यही करेंगे। अगर सब इसे गंदा कहकर दूर हो जाएंगे तो इसे साफ करने के लिए पॉलिटिक्स से जुड़ेगा कौन? मैं दिनभर परिचितों से फोन पर इसी टॉपिक को लेकर डिस्कस करती रही। मेरे विचारों को सुनकर सभी ने कहा कि तुम अगर पॉलिटिक्स में आ जाओ तो चेंज ला सकती हो। शाम होते-होते मैंने ठान लिया कि मैं भी इस फील्ड में उतरूंगी और समाज में सुधार लाऊंगी।”
मैनेजमेंट की पढ़ाई की प्रियंका मूलत: आगरा की रहने वाली हैं। उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है। पढ़ने के बाद जॉब के बजाए अपने पिता से बिजनेस की बारीकियां समझना बेहतर समझा। फिर शादी हो गई। शादी के बाद उन्होंने अपने पति गौरव माहेश्वरी के स्टेशनरी के बिजनेस में हाथ बंटाया। गौरव आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक थे लेकिन निकाय चुनाव में महिला सीट होने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने के लिए इस्तीफा दे दिया। इस पर पार्टी में विवाद भी हुआ लेकिन सीनियर लीडर्स ने किसी तरह दोनों पक्षों को समझाया। प्रियंका ने बताया कि वे
अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह से काफी प्रभावित हैं। महिला नेताओं में उन्हें
स्मृति ईरानी बेहतर काम करती दिखाई पड़ रही हैं।
राजनीति बिलकुल आसान नहीं अपने शेड्यूल के बारे में प्रियंका ने बताया कि वे रोजाना सुबह ही चुनाव प्रचार के लिए निकल जाती हैं। दोपहर में पार्टी कार्यालय में मीटिंग होती है जिसके बाद फिर शाम को डोर टू डोर कैंपेनिंग शुरु हो जाती है। प्रियंका को इस बात का अहसास हो गया है कि राजनीति करना बिलकुल भी आसान नहीं। डोर-टू-डोर कैंपेनिंग के दौरान कई लोग मिले जिन्होंने पूछा कि केवल चुनाव के वक्त ही क्यों नेता दिखाई पड़ते हैं। इसके जवाब में वह यही कहती हैं कि मैं आपसे मिलती रहूंगी। बाकियों को मौका देकर देख लिया आप लोगों ने , अब हमें देकर देखिए।
दिल्ली की तर्ज पर लड़ेंगे चुनाव यूपी में आम आदमी पार्टी नई है। ऐसे में वह किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगी। इस सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि हम दिल्ली के तर्ज पर चुनाव लड़ रहे हैं। अगर हम जीते तो हम मोहल्ला क्लिनिक बनाएंगे, वाटर एटीएम, महिलाओं के लिए सार्वजानिक शौचालय, पार्किंग माफियाओं से निगम को मुक्त कराएंगे। सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा। शहरों के अंदर डार्क स्पॉट यानि अंधेरों वाली जगहों में लाइट का इंतजाम किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी। वार्डों के विकास के लिए आए बजट को मोहल्ला स्वराज के जरिये खुली बैठक करके जनता से पूछ कर बजट खर्च किया जायेगा।