झांसी

‘इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण है ये चीज’

‘इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण है ये चीज’

झांसीOct 11, 2018 / 11:18 pm

BK Gupta

‘इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण है ये चीज’

झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में संचालित अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संस्थान के निदेशक एवं अधिष्ठाता प्रो.एस.के.कटियार ने कहा कि एक इंजीनियरिंग के अध्यापकों को अपने विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों को कार्यशाला के माध्यम से समझाना चाहिये, क्योंकि अभियांत्रिकी के छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने के लिए कार्यशाला का अत्यधिक महत्व है। वह यहां बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में संचालित अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के इन्सट्रूमेनटेशन एण्ड कंट्रोल विभाग में आयोजित ‘वरचुअल इन्सट्रूमेनटेशन’ विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन करते हुए प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से शोध कार्य के विभिन्न पैरामीटर को बदल कर साफ्टवेयर की सहायता से देखा जा सकता है। इसके अतिरिकत प्रतिभागी शोध कार्य को रेखांकन चित्रण से समझा भी सकते हैं।
आठ सत्रों की है दो दिवसीय कार्यशाला
कार्यक्रम के प्रारम्भ में इन्सट्रूमेनटेशन एण्ड कंट्रोल विभाग की समन्वयक इकरूप कौर वर्मा ने कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस दो दिवसीय कार्यशाला को आठ सत्रों में विभाजित किया गया है। कार्यशाला में ‘लैबव्यू’ नामक साफ्टवेयर तथा उसके विभिन्न अनुप्रयोगों की जानकारी प्रतिभागियों को दी जायेगी। इसके अतिरिक्त कार्यशाला के प्रतिभागियों को उनके शोध कार्यों में आ रही विभिन्न समस्याओं के बारे में भी चर्चा होगी।
इसके पश्चात कार्यशाला के तकनीकी विशेषज्ञ बैंगलोर के नेशनल इन्सट्रूमेण्ट के इंजीनियर सुरेश वेंकातेसन ने छात्रों को ‘लैबव्यू’ साफ्टवेयर के बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की वर्चुअल इंस्ट्रूमेंटेशन अर्थात् एक ऐसा पटल जहां आप सभी प्रकार के उपकरणों को वर्चुअली एक्सेस कर सकते हैं। किसी भी प्रोसेस को वर्चुअली समझ सकते हैं कि उसके क्या पैरामीटर्स हैं। साथ ही इंस्ट्रूमेंट्स का ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस साफ्टवेयर के द्वारा यह पता कर सकते हैं कोई इंस्ट्रूमेंट किन परिस्थितियों में कैसे काम करेगा? ‘लैबव्यू’ नामक साफ्टवेयर में प्रोग्रामिंग के स्थान पर सिमुलेशन किया जाता है। इस कारण से उपकरण तथा प्रोसेस में होने वाले किसी भी परिवर्तन को देखा जा सकता है। ।
ये लोग रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम का संचालन नवनीत पाठक ने किया। वहीं जितिन गोयल ने सभी आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर समन्वयक इंजीनियर ब्रजेंद्र शुक्ला, नोडल आफिसर एकेडमिक डा.ए.पी.एस.गौर कार्यक्रम के आयोजन सचिव अवनीत कुमार, सौविक मैति, दीपक चौरसिया, नेहा जैन, राम सिंह कुशवाहा, राजेश वर्मा, सादिक खान, ब्रजेश लोधी, विशाल आर्य, संदीप मिश्रा, डा.शुभांगी निगम, साक्षी दुबे, डा रंजीत सिंह, तूलिका श्रीवास्तव, सतेंद्र उपाध्याय, मुकुल सक्सेना, दिनेश द्विवेदी, शशिकांत वर्मा तथा राहुल शुक्ला अदि उपस्थित रहे।
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